The matter of recruitment of teachers reached the Supreme Court : पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा 25,753 शिक्षकों एवं शिक्षेतर कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध ठहराने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है।
याचिका में कहा गया है, उच्च न्यायालय पूरी चयन प्रक्रिया को रद्द करने के प्रभाव को समझने में नाकाम रहा, जिसके परिणामस्वरूप शिक्षण और शिक्षेतर कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से सीधे बर्खास्त कर दिया गया। उसने याचिकाकर्ता राज्य को ऐसी आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त समय भी नहीं दिया, जिससे प्रणाली ठप हो गई।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को चयन प्रक्रिया को अमान्य घोषित कर दिया था और सीबीआई को नियुक्ति प्रक्रिया की जांच करने का निर्देश दिया था। उसने केंद्रीय एजेंसी को तीन महीने के भीतर एक रिपोर्ट सौंपने को भी कहा था। पीठ ने पश्चिम बंगाल विद्यालय सेवा आयोग (एसएससी) को लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा की तारीख से एक पखवाड़े के अंदर नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश भी दिया।
उच्च न्यायालय ने चयन प्रक्रिया के जरिए की गई सभी नियुक्तियों को संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 16 (किसी भी सरकारी पद पर नौकरी में भेदभाव रोकने) का हनन करने वाला करार दिया। अदालत ने इन नियुक्तियों को अमान्य एवं अवैध करार दिया और रद्द कर दिया। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour