सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एचएल दत्तू और जस्टिस अरुण मिश्रा की खंडपीठ ने देश का नाम भारत करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए केंद्र व राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वह सभी सरकारी और गैर-सरकारी कार्यों के लिए भारत का इस्तेमाल करें। इस पर कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से जवाब मांगा है।
जनहित याचिका में कहा गया है कि संविधान सभा में देश का नाम रखने के लिए ‘भारत, हिंदुस्तान, हिंद और भारतभूमि या भारतवर्ष और उस तरह का नाम’ रखने के प्रमुख सुझाव आए थे।
इस याचिका में उठाए गए सवालों में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद एक में इंडिया का उल्लेख एक संदर्भ के तौर पर ही था। ताकि भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 को संविधान के अनुच्छेद 395 से बदला जा सके। इसीलिए देश का उल्लेख इंडिया के तौर पर किया गया। लेकिन आज सभी गैर-सरकारी संगठनों, कॉरपोरेट्स और सरकारी विभागों में इंडिया शब्द के इस्तेमाल का प्रचलन है।