morbi bridge collapse News : गुजरात के मोरबी शहर में केबल पुल टूटने के बाद जांच के घेरे में आए ओरेवा ग्रुप को सीएफएल बल्ब, दीवार घड़ी और ई-बाइक बनाने में विशेषज्ञता हासिल है लेकिन अभी यह पता नहीं चला है कि उसे 100 साल से भी अधिक पुराने पुल की मरम्मत का ठेका कैसे मिल गया?
पटेल का 88 वर्ष की आयु में इस महीने की शुरुआत में निधन हो गया था। वे 1971 में 45 साल की उम्र में कारोबार में हाथ आजमाने से पहले एक स्कूल में विज्ञान के शिक्षक थे। करीब 800 करोड़ रुपए की आय वाला अजंता ग्रुप अब घरेलू और बिजली के उपकरण, बिजली के लैंप, कैलकुलेटर, चीनी मिट्टी के उत्पाद और ई-बाइक बनाता है।
मच्छु नदी पर बना केबल पुल सात महीने पहले मरम्मत के लिए बंद कर दिया गया था तथा इसे 26 अक्टूबर को गुजराती नव वर्ष के मौके पर फिर से खोला गया था। यह झूलता पुल के नाम से मशहूर था। इस साल मार्च में ओरेवा ग्रुप को मोरबी नगर निकाय ने पुल की मरम्मत और देखरेख का ठेका दिया था। ऐसा आरोप है कि पुल को बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के खोल दिया गया।
अजंता ट्रांजिस्टर क्लॉक मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी के तहत दीवार घड़ी बनाने से शुरुआत करने वाले मोरबी स्थित ओरेवा ग्रुप ने कई क्षेत्रों में अपना कारोबार फैलाया। ओरेवा ग्रुप ने अपनी वेबसाइट पर दावा किया है कि उसके यहां 6000 से अधिक लोग काम करते हैं लेकिन उसने अपने निर्माण कारोबार का कोई उल्लेख नहीं किया है।