Himachal government : हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) ने कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से नई दिल्ली में बात की है और अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) के नेतृत्व वाली सरकार को कोई खतरा नहीं है। पार्टी सूत्रों ने सोमवार को यह दावा किया।
सरकार बहुमत में है : प्रदेश के राजनीतिक संकट से निपटने में शामिल एक पार्टी सूत्र ने कहा कि सरकार बहुमत में है और वह पूरे 5 साल तक हिमाचल प्रदेश के लोगों की सेवा करेगी और धन-बल की मदद से जनादेश को कुचलने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होगा। सूत्रों ने कहा कि बागी विधायकों के खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोग 'आया राम, गया राम' वाली राजनीति को पसंद नहीं करते।
सूत्रों ने दावा किया कि दलबदल विरोधी कानून के तहत 6 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद अब सदन में सदस्यों की कुल संख्या 62 रह गई है और सरकार के पास बहुमत के जरूरी आंकड़े 32 से अधिक विधायकों का समर्थन है। उन्होंने दावा किया कि बागी विधायक माफी मांग रहे हैं और संदेश भेज रहे हैं। सूत्रों ने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह और कांग्रेस की राज्य इकाई की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात की है और अपने मुद्दों से अवगत कराया है।
'क्रॉस वोटिंग' किए जाने के बाद भाजपा ने जीत हासिल की थी : सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री सुक्खू का उद्देश्य बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ आत्मनिर्भर हिमाचल प्रदेश का निर्माण करना है और वह इस पर लगातार काम कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में पिछले दिनों राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए हुए मतदान में कांग्रेस के 6 विधायकों द्वारा 'क्रॉस वोटिंग' किए जाने के बाद भाजपा ने जीत हासिल की थी और उसके बाद से राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया था।