भारतीय जनता पार्टी ने मोदी सरकार के तीन साल के जश्न से राजग मुख्यमंत्रियों को दूर रखा है। प्रधानमंत्री मोदी के तीन साल की उपलब्धियों को जनता के बीच रखने के लिए पार्टी ने मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और सांसदों का जो कार्यक्रम बनाया है। उनमें राजग शासित मुख्यमंत्रियों में जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू का नाम नहीं है।
कश्मीर के हालातों को देखते हुए भाजपा ने यहां जश्न के कार्यक्रम से अभी दूरी रखी है। जम्मू के लिए पार्टी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टमटा और प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना को भेजने का कार्यक्रम बनाया है। मगर कश्मीर के श्रीनगर समेत पूरे घाटी में कार्यक्रमों का जिम्मा प्रदेश इकाई पर छोड़ दिया है।
मोदी सरकार के 3 साल जश्न के जरिए पार्टी अपने आधार के विस्तार में भी जुटी हुई है। यही वजह है कि तीन साल के जश्न के कार्यक्रमों के आयोजन स्थल चुनने में उन्हीं राज्यों पर जोर दिया जा रहा है। जहां पार्टी की सरकारें नहीं हैं। कार्यक्रमों की तैयारी से जुडे़ एक महासचिव ने अमर उजाला को बताया कि पार्टी का जोर गैर भाजपा शासित राज्यों में ज्यादा है। उक्त नेता के अनुसार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ भाजपा जोरदार हमला बोलेगी। ममता के खिलाफ अक्रामक अभियान के लिए सूबे में 60 से ज्यादा कार्यक्रम आयोजित होंगे।
केंद्र सरकार के मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, सुरेश प्रभु, संतोष गंगवार और स्मृति ईरानी सरीखे मंत्री ममता के खिलाफ भाजपा के सियासी हमले को धार देंगे। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और झारखंड के मुखमंत्री रघुवर दास को भी पार्टी ने ममता के खिलाफ आगे करने का निर्णय लिया है। पश्चिम बंगाल के अलावा भाजपा की नजर केरल, ओडिशा और कर्नाटका पर है। ओडिशा में नवीन बाबू की नींव हिलाने के लिए पार्टी की ओर से करीब 5 दर्जन कार्यक्रम किए जाएंगे। तो केरल में भी भाजपा तीन दर्जन से ज्यादा कार्यक्रम करेगी। यहां केंद्र सरकार के वरिष्ठ 5 मंत्रियों को भेजा जा रहा है। (एजेंसी)