राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला (एनपीएल) में आणविक घड़ी में पिछली रात जब 23 बजकर 59 मिनट और 59 सेकंड हुआ, तब धरती के घूर्णन में कमी के साथ तालमेल कायम करने के लिए वर्ष 2017 में 1 सेकंड जोड़ने का कार्यक्रम तय किया गया।
एपीएल के निदेशक डीके आसवाल ने कहा कि पृथ्वी और अपनी धुरी पर उसके घूर्णन नियमित नहीं हैं, क्योंकि कभी-कभी यह भूकंप, चन्द्रमा के गुरुत्व बल समेत विभिन्न कारकों के चलते तेज तो कभी-कभी धीमे हो जाते हैं। चन्द्रमा के गुरुत्व बल से सागरों में लहरें उठती हैं।