नोटबंदी से परेशान जनता को राहत पहुंचाने के लिए सरकार 500 और 2000 रुपए के नए नोटों को छपाई केंद्रों से बैंकों तक कम से कम समय में पहुंचाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। इसके लिए हेलिकॉप्टर्स और भारतीय वायु सेना के जहाजों सहित हर तरह के परिवहन के साधन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहले कैश को छपाई केंद्र से बैंकों तक पहुंचने में 21 दिन लगते थे। मगर, अब 6 दिनों में ही यह बैंकों में पहुंच रहा है। सरकार को उम्मीद है कि अगले हफ्ते में हालात थोड़ा बेहतर होंगे।
शहर में कैश सप्लाई की स्थिति सुधरने के बाद में अब सरकार ग्रामीण क्षेत्रों पर जोर दे रही है। वरिष्ठ सरकारी सूत्रों ने बताया कि 15 जनवरी तक स्थिति सामान्य हो जाएगी। सूत्रों ने बताया कि विमुद्रीकरण से होने वाले लाभ का इस्तेमाल बैंकों को पूंजी मुहैया कराने, आधारिक संरचना के निर्माण और सशस्त्र बलों के लिए अडवांस्ड हथियार खरीदने पर किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि साल 1978 में भी जब सरकार ने विमुद्रीकरण किया था, तो करीब 20 फीसदी नोट वापस ही नहीं आए थे। सूत्रों ने बताया कि इससे एसएमई सेक्टर को बड़ा फायदा होगा क्योंकि बैंक अब ज्यादा कर्ज देने की स्थिति में होंगे।