श्रीनगर। जम्मू फ्रंटियर पर एक और सुरंग मिली है, जिसका इस्तेमाल आतंकियों को इस ओर धकेलने के लिए किया जाना था। पहले भी जम्मू सीमा पर कई सुरंगें मिल चुकी हैं जिन्हें पाकिस्तानी रेंजरों ने आतंकियों के साथ मिल कर तैयार किया था। अब पाकिस्तानी सेना के मकसद को नेस्तनाबूद कर दिए जाने के बाद यह आशंका प्रकट की जा रही है कि पाक सेना अब जम्मू सीमा पर खीज निकालने की खातिर भीषण गोलाबारी कर सकती है।
सूत्रों ने बताया कि बीएसएफ की एंटी टनल एंड डिटेक्टिंग टीम सोमवार को रामगढ़ सेक्टर में सर्चिंग कर रही थी। इसी दौरान उसे एक जगह पर कुछ शक हुआ था। जांच के दौरान वहां 20 मीटर लंबी सुरंग मिली। इसका एक सिरा भारत और दूसरा पाकिस्तान में था। यह इंटरनेशनल बॉर्डर पर लगी फेंसिंग के नीचे से गुजर रही थी। ये टनल ढाई फीट चौड़ी और ढाई फीट ऊंची है। बीएसएफ डीआईजी धर्मेंद्र पारीक ने खुद ये जानकारी मीडिया को दी। पारीक ने कहा कि शक है कि इस टनल का इस्तेमाल आतंकवादी भारत में घुसने के लिए करते थे।
उन्होंने कहा कि ये टनल पूरी तरह तैयार नहीं थी। पाकिस्तानी रेंजर्स की जानकारी के बिना इस तरह की टनल नहीं बनाई जा सकती। पारीक ने कहा कि फ्लैग मीटिंग के दौरान हम इस टनल का मुद्दा पाकिस्तानी रेंजर्स के सामने उठाएंगे। जम्मू सीमा क्षेत्र के पास पारीक ने बताया कि जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की कोशिश को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास नियमित रूप से सुरंग विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। पारिख ने कहा कि लगभग 20 मीटर लंबी सुरंग पाकिस्तान की ओर से शुरू होकर भारतीय सीमा में आकर समाप्त हो रही है।
पारीक ने बताया कि नियमित रूप से पाकिस्तान की सीमा के पास के गांवों में आतंकवादियों के होने की सूचना मिलती रहती है जो भारतीय सीमा में प्रवेश करने का प्रयास करते हैं। बीएसएफ के पुलिस उपमहानिरीक्षक ने कहा कि बीएसएफ के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ किसी भी प्रकार की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करने के लिए लगातार चौकस हैं।
पिछले साल मार्च में भी बीएसएफ ने आरएसपुरा सेक्टर में एक सुरंग का पता लगाकर पाकिस्तान की साजिश को नाकाम कर दिया था। अखनूर सेक्टर में भी यही हुआ था। आरएस पुरा सेक्टर में मिली सुरंग 22 फीट लंबी थी। इसे बनाने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद बीएसएफ ने कहा था कि बिना पाकिस्तानी रेंजर्स की मदद के इस तरह की टनल बनाना नामुमकिन है। बीएसएफ ने तब पाकिस्तानी रेंजर्स के साथ मीटिंग में इस हरकत को लेकर विरोध दर्ज कराया था।
पिछले साल दिसंबर में बीएसएफ को जम्मू के चमलियाल में 80 मीटर लंबी और 2 गुणा 2 फीट की एक सुरंग मिली थी। तब बीएसएफ ने कहा था कि सांबा सेक्टर में मारे गए तीन आतंकियों ने इसी का इस्तेमाल किया था। बीएसएफ के डीजी केके शर्मा ने कहा था कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पैरा मिलिट्री फोर्स के पास आतंकी घुसपैठ की पुख्ता जानकारी थी। इसलिए आतंकियों का पता लगाना और उन्हें काबू करना मुमकिन हो पाया।