ट्विटर ट्रेंड्स के भरोसे सोशल मीडिया पर यूजर्स पैदा कर रहे अपने-अपने भगवान!

Webdunia
शनिवार, 22 फ़रवरी 2020 (19:55 IST)
धर्म और आध्‍यात्‍म के बारे में विचार के स्‍तर पर बहस की जा सकती है। इस बहस में ‘विश्‍वास’ और ‘तर्क’ दोनों के लिए जगह हो सकती है। किसी जमाने में इसी आधार पर अपनी धार्मिक मान्‍यताओं और ‘बिलीफ’ को लेकर चर्चा की जाती रही है। इस तरह के मुद्दों में गरिमा अपना एक स्‍थान रखती है, लेकिन धर्म, आध्‍यात्‍म और अपने विश्‍वास को लेकर इस दौर में जिस तरह से प्रचार-प्रसार और बहस की जा रही है, वो एक तरह की अराजकता में तब्‍दिल हो गया है।

ट्विटर पर यही हो रहा है। आए दिन अपने धर्म और मान्‍यताओं को लेकर यहां हैशटैग चलाए जा रहे हैं। हर दो चार दिन में इस तरह के ट्रेंड ट्विटर पर देखने को मिल जाते हैं। शनिवार को जो ट्रेंड ट्विटर पर सबसे ज्‍यादा नजर आए, उनमें #AllahIsSuperPower, #भगवान_अल्ला_के_पापा_हैं, #GodIsOne_LordKabir, #भगवान_कौन_हैं, #अल्ला_कोण_है शामिल थे।

इन ट्रेंड में भगवान और अल्लाह के नाम पर सोशल मीडिया पर जंग आम बात हो गई है। कहीं हिन्‍दू, मुस्‍लिम इस बहस में शामिल हैं तो कहीं किसी समुदाय के अनुयायी इन ट्रेंड्स को चला रहे हैं। इन सभी का मकसद अपने धर्म, अपनी मान्‍यता और संप्रदाय को दूसरे से बेहतर बताना और दूसरों को नीचा दिखाना है।

कुछ अनुयायी अपने गुरु को ईश्‍वर का अवतार बताते हैं तो कुछ उन्‍हें अवतार। कहीं बताया जा रहा है कि उनका धर्म और गुरु ही जगत के कल्‍याण के लिए हैं। इसके लिए सोशल मीडिया और व्‍हाट्सएप पर वायरल होने वाले फर्जी कंटेंट का सहारा लिया जा रहा है। इस तरह के कंटेंट में पौराणिक और प्राचीन ग्रंथों में उनके पक्ष में लिखी गई बातें, भविष्‍यवाणियां और फोटो का इस्‍तेमाल किया जाता है।

हाल ही में एक अनुयायी के कुछ ट्विटर यूजर्स ने अपने गुरु को नास्‍त्रेदमस की भविष्‍यवाणी से जोड़कर ऐसा व्‍यक्‍ति बता डाला जो विश्‍व का कल्‍याण करेगा।

कुछ दिन पहले एक संप्रदाय के अनुयायियों ने अपने बाबा को कल्‍कि का अवतार बताया था। इन ट्रेंड्स में अंधविश्‍वासों का सहारा लेकर इस कदर अराजकता और पाखंड फैलाया जा रहा है, जिससे ट्विटर पर आए दिन जंग चलती रहती है।

लब्‍बोलुआब यह है कि सोशल मीडिया पर ट्रेंड्स के सहारे अपने-अपने भगवान गढ़ लिए जाते हैं और उन्‍हें सबसे उच्‍च स्‍थान पर बताकर दूसरी मान्‍यता को गाली देकर नीचा दिखाया जाता है। चिंता की बात है कि सोशल मीडिया पर चलने वाले ऐसे ट्रेंड्स के लिए कोई मॉनिटरिंग नहीं है।

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