Two men from Kerala who were forced to fight in Russia-Ukraine war return home : निजी एजेंसियों द्वारा रूसी सेना में भर्ती किए जाने के बाद सुरक्षित घर लौटे केरल के 2 लोगों ने रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में अपना खौफनाक अनुभव बयां किया और प्राधिकारियों से ऐसी ही परिस्थितियों में फंसे 2 अन्य नागरिकों को स्वदेश लाने में मदद करने का अनुरोध किया।
जहां भी देखा, शव ही शव बिखरे मिले : मुथप्पन ने कहा कि उसने कभी जीवित घर लौटने की उम्मीद नहीं की थी। उसने मीडिया को बताया, मूल प्रशिक्षण मिलने के बाद हमें सीधा लड़ाई के लिए युद्ध मोर्चे पर ले जाया गया। हमने जहां भी देखा, शव ही शव बिखरे मिले। एक दिन पहले यहां पहुंचे प्रिंस ने कहा कि वह घायल हो गया था और 30 दिन से अधिक समय तक रूस के एक अस्पताल में भर्ती रहा था। उसने बताया कि उसके दो दोस्त विनीत और टीनू अब भी युद्ध क्षेत्र में हैं।
सुरक्षित स्थान की तलाश में 3 किलोमीटर तक रेंगना पड़ा : प्रिंस ने बताया, हालात खराब हैं। हम सिग्नल पकड़ में आने और उन स्थानों पर संभावित मिसाइल हमलों के खतरे के कारण फोन नहीं कर सकते थे। अंचुथेंगु निवासी प्रिंस ने बताया कि वह घायल हो गया था और उसे सुरक्षित स्थान की तलाश में तीन किलोमीटर तक रेंगना पड़ा था। रूस से लौटे दोनों नागरिकों ने बताया कि उन्हें हर जगह क्षत-विक्षत शव मिले। प्रिंस ने कहा, हमें एके-45, आरपीजी, ग्रेनेड और स्मोकर्स समेत विभिन्न हथियारों के संचालन का एक महीने का प्रशिक्षण दिया गया।
युद्ध प्रभावित क्षेत्र में फंसे भारतीयों की वापसी के लिए हरसंभव प्रयास कर रही केंद्र सरकार : प्रिंस ने यह भी कहा कि उसने प्रियन नामक एक व्यक्ति को सात लाख रुपए दिए थे जिसने युद्ध के लिए उनकी भर्ती की जबकि उनसे यह कहा गया था कि यह एक सुरक्षाकर्मी की नौकरी है। इससे पहले, केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि केंद्र सरकार युद्ध प्रभावित क्षेत्र में फंसे सभी भारतीयों की वापसी के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और उन्हें भर्ती करने वाली एजेंसियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की प्रक्रिया जारी है।
अच्छा वेतन दिलाने का वादा कर रूस ले गई थी भर्ती एजेंसी : रूस से लौटे इन व्यक्तियों के रिश्तेदारों ने बताया कि एक भर्ती एजेंसी उन्हें अच्छा वेतन दिलाने का वादा कर रूस ले गई थी। मुरलीधरन ने कहा था कि अधिकारियों ने उन एजेंसियों की जांच शुरू कर दी है जिन्होंने भारतीयों को रूसी सेना में आकर्षक नौकरी का लालच देकर युद्धग्रस्त यूक्रेन जाने के लिए भर्ती किया था। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour