उन्होंने कहा, अगर मैं उनसे संपर्क करता हूं और वे ना कहते हैं और मुझसे कहते हैं कि हमारे पास पहले ही राकांपा का समर्थन है तो क्या होगा। उद्धव ने कहा कि अगर भाजपा राकांपा के समर्थन पर राजी है तो उन्हें राकांपा के साथ जाने दें।
शिवसेना के साथ फिर से गठबंधन करने की भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की टिप्पणी पर उन्होंने कहा, इसकी ही मैंने अपेक्षा की थी। जब बाला साहब (शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे), अटल बिहारी वाजपेई, आडवाणी, प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे थे तो हमारा सिर्फ राजनैतिक गठबंधन नहीं था बल्कि करीबी संबंध था।
उद्धव ने कहा, हमने 60 सीटें हासिल की हैं जो खराब प्रदर्शन नहीं है। उन्होंने कहा, मुझे कोई घेर नहीं सकता। उद्धव ने शिवसेना के पूर्व नेता नारायण राणे और गणेश नाइक के हारने का उल्लेख करते हुए कहा, हमने उन लोगों को हराया जिन्होंने दिवंगत बाल ठाकरे को व्यथा पहुंचाई थी।
उन्होंने विदर्भ राज्य के गठन का मुद्दा भी उठाया। इस मुद्दे का भाजपा ने समर्थन किया था और शिवसेना ने पुरजोर विरोध किया है। उन्होंने कहा, अगर हमें आश्वासन मिलता है कि महाराष्ट्र अखंड रहेगा तो हम समर्थन करने को तैयार हैं। (भाषा)