शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को यहां कहा, ‘हमारे ऊपर लगातार आरोप लग रहे हैं कि हम विधेयक का विरोध कर रहे हैं जबकि देश के विकास को बाधित करने की हमारी कोई मंशा नहीं है। लेकिन यह विधेयक किसानों के हितों के खिलाफ है। इसलिए हम इसका विरोध करते हैं।’ वह ‘मराठी दिवस’ के अवसर पर एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
ठाकरे की पार्टी का भाजपा के साथ राज्य और केंद्र दोनों जगहों पर अच्छा तालमेल नहीं है। ठाकरे ने कहा, ‘किसानों को बाध्य मत कीजिए। उनसे बात कीजिए और उनका दिल जीतिए। वे खुशी से अपनी जमीन दे देंगे।’ उन्होंने आरोप लगाए कि विकास के नाम पर सरकार इस विधेयक से असहाय किसानों को और गरीब बना रही है।
ठाकरे ने कहा, ‘काफी बंजर जमीन है जहां कुछ भी नहीं उपजता। हमें दिखाईए कि आपने क्या विकास किए। हमें बताईए कि विकास के लिए आपने कितना जमीन लिया और उस पर विकास की परियोजनाएं शुरू कीं। यह विधेयक विकास के नाम पर जमीन छीनने और लोगों को गरीब बनाने के लिए है।’ ठाकरे ने कहा, ‘किसानों ने आपको वोट दिए और आपके नेताओं को यह सोचकर सांसद बनाया कि आप उनके लिए विकास करेंगे। उनकी संपति लेकर आप किस मुंह से उनके पास जाएंगे।’ (भाषा)