शिवसेना के चुनाव चिन्ह 'धनुष और तीर' पर रार! उद्धव ठाकरे गुट ने किया चुनाव आयोग का रुख

सोमवार, 11 जुलाई 2022 (23:40 IST)
नई दिल्ली। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने एक पूर्व निर्धारित कदम के तहत निर्वाचन आयोग का रुख किया और पार्टी चुनाव चिह्न को लेकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े द्वारा की गई किसी भी मांग पर विचार करने से पहले उसे सुनने की अपील की। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
 
शिवसेना नेता अनिल देसाई ने हाल में निर्वाचन आयोग को दिए एक पत्र में पार्टी के चुनाव चिन्ह- धनुष और तीर के दावों के मामले में शिवसेना को सुनने का आग्रह किया है। निर्वाचन आयोग के एक पदाधिकारी ने कहा कि यह एक तरह का आपत्ति पत्र है। शिंदे ने पिछले महीने के अंत में शिवसेना में विद्रोह का नेतृत्व किया था और 40 विधायकों के साथ पार्टी से बाहर हो गए थे। उन्हें 10 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था जिसके कारण ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी।
 
शिंदे ने 30 जून को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा समर्थित मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने 4जुलाई को विधानसभा में विश्वास मत जीता। महाराष्ट्र विधानसभा में शिंदे ने पार्टी के विधायक दल के दो-तिहाई से अधिक विधायकों के समर्थन के आधार पर मूल शिवसेना होने का दावा किया है। शिवसेना संसदीय दल में भी विभाजन दिख रहा है जिसमें कम से कम 14 सांसद शिंदे के नेतृत्व वाले गुट में शामिल होने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं।
 
शिंदे शिवसेना के कब्जे वाले नगर निकायों और नगर निगमों पर नियंत्रण हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं और संगठन पर बढ़त भी बनाना चाहते हैं। ठाकरे ने 56 साल पहले अपने पिता दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना पर नियंत्रण बनाए रखने के प्रयास को दोगुना कर दिया था।
 
ठाकरे और उनके बेटे आदित्य पार्टी नेताओं से मिल रहे हैं और संगठन को और नुकसान से बचाने के लिए महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों का दौरा भी कर रहे हैं। उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना विधायकों को राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को उनकी अयोग्यता का अनुरोध करने वाली याचिका पर आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समूह ने विश्वास मत और विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के दौरान पार्टी व्हिप की अवहेलना करने के आधार पर याचिका में ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया था।

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