बता दें कि हाल ही में शिंदे गुट ने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई है। भाजपा की तरफ से एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया गया है। इसी के बाद उद्धव ठाकरे ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में जिन विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है, उनमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे भी शामिल हैं।
अगर सुप्रीम कोर्ट शिदें गुट के खिलाफ फैसला दिया तो राज्य में एक बार फिर सियासी पेंच फंस सकता है। शिंदे बतौर सीएम और देवेंद्र फडणवीस बतौर डिप्टी सीएम शपथ ले चुके हैं, लेकिन अब तक कैबिनेट विस्तार नहीं हो सका है। माना जा रहा है फैसले की वजह से कैबिनेट विस्तार देरी हो रही है।
याचिका में एकनाथ शिंदे, भरतशेट गोगावले, संदिपानराव भुमरे, अब्दुल सत्तार, संजय शिरसाट, यामिनी जाधव, अनिल बाबर, बालाजी किणीकर, तानाजी सावंत, प्रकाश सुर्वे, महेश शिंदे, लता सोनवणे, चिमणराव पाटिल, रमेश बोरनारे, संजय रायमूलकर और बालाजी कल्याणकर, को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है।