यूजीसी ने शुक्रवार को एक सर्कुलर जारी करने का फैसला किया है जिसमें कहा जाएगा कि हिन्दी अनिवार्य नहीं है। यह निर्णय करना संबंधित विश्वविद्यालय का विशेषाधिकार है कि कैसे पढ़ाना है, किसे पढ़ाना है और क्या पढ़ाना है।
इस हफ्ते की शुरुआत में जारी सकरुलर को तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टियों ने विरोध का मुद्दा बना लिया था। जयललिता की अन्नाद्रमुक के साथ-साथ द्रमुक, एमडीएमके और पीएमके ने कहा कि वे तमिलनाडु पर हिन्दी भाषा थोपने की सभी कोशिशों का विरोध करेंगे।