वित्त वर्ष 2017-18 के आम बजट की मुख्य बातें...

नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा बुधवार को पेश वित्त वर्ष 2017-18 के आम बजट की मुख्य बातें इस प्रकार हैं-
 
* 2.5 लाख से 5 लाख रुपए की सालाना आय पर कर की दर 10 से घटाकर 5 प्रतिशत की गई। कर स्लैब में बदलाव नहीं।
 
* 50 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए सालाना कमाने वाले लोगों को देना होगा 10 प्रतिशत का अधिभार।
 
* 1 करोड़ रुपए से अधिक की वार्षिक आय पर 15 प्रतिशत का अधिभार जारी रहेगा।
 
* 3 लाख रुपए से अधिक के नकद लेन-देन पर प्रतिबंध।
 
* 50 करोड़ रुपए तक के कारोबार वाली लघु एवं मझोले उपक्रमों पर कॉरपोरेट कर की दर घटाकर 25 प्रतिशत की गई। 96 प्रतिशत कंपनियों को लाभ होगा।
 
* एलएनजी पर सीमा शुल्क घटाकर आधा यानी ढाई प्रतिशत किया गया।
 
* अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान। 2018-19 में इसे 3 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य।
 
* राजनीतिक दल 2,000 रुपए से अधिक का नकद चंदा नहीं ले पाएंगे। वे चेक, इलेक्ट्रॉनिक तरीके से चंदा ले सकेंगे। रिजर्व बैंक इलेक्टोरल बांड जारी करेगा।
 
* वरिष्ठ नागरिकों के लिए आधार आधारित स्वास्थ्य कार्ड। उनके लिए 8 प्रतिशत गारंटी वाले रिटर्न की योजना।
 
* विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) को समाप्त किया जाएगा। एफडीआई नीति और उदार होगी।
 
* सीपीएसई की सूचीबद्धता के लिए समयबद्ध प्रक्रिया।
 
* रेलवे के पीएसयू आईआरसीटीसी, आईआरएफसी तथा इरकॉन सूचीबद्ध होंगी।
 
* डिजिटल भुगतान के नियमन के लिए रिजर्व बैंक में भुगतान नियामक बोर्ड बनेगा। 
 
* नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स कानून में संशोधन होगा।
 
* नोटबंदी साहसी, निर्णायक कदम। इससे जीडीपी वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा। कर संग्रहण बढ़ेगा।
 
* आईआरसीटीसी के जरिए बुक रेलवे के ई-टिकट पर सेवाकर नहीं लगेगा।
 
* 5 साल के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का रेल सुरक्षा कोष। मानवरहित क्रॉसिंग को 2020 तक समाप्त किया जाएगा।
 
* बजट 3 एजेंडों- बदलाव, ऊर्जावान, स्वच्छ भारत (टीईसी इंडिया) पर आधारित।
 
* अचल संपत्ति पर दीर्घावधिक पूंजीगत लाभ कर के लिए समयसीमा 3 साल से घटाकर 2 साल की गई। कीमत की तुलना के लिए आधार वर्ष 1 अप्रैल 1981 से बदलकर 1 अप्रैल 2001 किया गया।
 
* विनिवेश लक्ष्य से वर्ष 2017-18 में 72,500 करोड़ रुपए की प्राप्ति का लक्ष्य। चालू वित्त वर्ष में यह 56,500 करोड़ रुपए।
 
* बाजार से सकल 6.05 लाख करोड़ रुपए का कर्ज उठाने का अनुमान। 
 
* डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन के लिए पीओएस मशीनों तथा बायोमेट्रिक पहचान के लिए काम आने वाली आयरिस रीडर्स पर शुल्क समाप्त।
 
* स्टार्टअप्स के लिए कर लाभ 7 में से 3 साल के लिए होगी।
 
* प्रत्यक्ष कर संग्रहण वृद्धि 15.8 प्रतिशत, अप्रत्यक्ष कर 8.3 प्रतिशत। 
 
* वर्ष 2017-18 में सरकार का कुल व्यय 21.47 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान। 
 
* पूंजीगत खर्च बढ़कर 24 प्रतिशत।
 
* राज्यों को आबंटन बढ़कर 4.11 लाख करोड़ रुपए।
 
* एफआरबीएम समिति ने 2020 तक 60 प्रतिशत ऋण-जीडीपी अनुपात का सुझाव दिया।
 
* खुदरा मुद्रास्फीति 2 से 6 प्रतिशत के दायरे में रहेगी।
 
* झारखंड और गुजरात में 2 नए एम्स का प्रस्ताव।
 
* मनरेगा के लिए अभी तक का सबसे अधिक 48,000 करोड़ रुपए का आवंटन।
 
* कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 4.1 प्रतिशत रहेगी। 5 साल में कृषि आय दोगुना होगी।
 
* अगले वित्त वर्ष के लिए कृषि ऋण का लक्ष्य 10 लाख करोड़ रुपए।
 
* फसल बीमा योजना फसल क्षेत्र का 40 प्रतिशत की गई।
 
* बुनियादी ढांचा निवेश 3.96 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान।
 
* सस्ते मकान क्षेत्र को बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा।
 
* 2,000 करोड़ रुपए के कोष से डेयरी प्रसंस्करण कोष बनेगा।
 
* महिला एवं बाल पहलों के लिए 1.84 लाख करोड़ रुपए का आबंटन।
 
* ग्रामीण, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.87 लाख करोड़ रुपए।
 
* बेघरों के लिए 2019 तक बनेंगे 1 करोड़ मकान।
 
* प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आबंटन 15,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 23,000 करोड़ रुपए।
 
* मई 2018 तक शत-प्रतिशत गांवों के विद्युतीकरण का लक्ष्य।
 
* अनुसूचित जनजाति के लिए 31,920 करोड़ रुपए, अल्पसंख्यक मामलों के लिए 4,195 करोड़ रुपए।
 
* सड़क क्षेत्र के लिए आबंटन बढ़ाकर 64,000 करोड़ रुपए किया गया।
 
* रेल, सड़क, जहाजरानी के लिए 2.41 लाख करोड़ रुपए का आबंटन।
 
* नई मेट्रो रेल नीति की घोषणा।
 
* वित्त वर्ष 2016-17 की पहली छमाही में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 35 प्रतिशत बढ़कर 1.45 लाख करोड़ रुपए पर। (भाषा)

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