ओला उबर की तरह शहर में ड्रोन के जरिए भी करेंगे सफर,नई ड्रोन पॉलिसी की उड्डयन मंत्री सिंधिया ने गिनाई खूबियां

विकास सिंह
बुधवार, 6 अक्टूबर 2021 (22:32 IST)
ऐसा वक्त भी आएगा जब शहर के इस कोने से उस कोने तक जिस प्रकार ओला उबर से जाते हैं उसी प्रकार हम ड्रोन को बुलाएंगे, उसमें बैठेंगे और वह हमें उड़ा कर ले जाएगा। यह कहना है केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का जो आज देश में नई ड्रोन नीति को लेकर लोगों से लाइव चर्चा कर रहे थे। 
 
सरकार की नई ड्रोन पॉलिसी पर चर्चा के दौरान सिंधिया ने लोगों के कई तरह के सवालों के जवाब दिए। सिंधिया ने कहा कि आने वाले समय में ड्रोन हर क्षेत्र में काम आएगा। हिमाचल की सेब हो या आलू हम इसे दिल्ली तक पहुंचा सकते हैं। उत्तर पूर्वी क्षेत्रों की उपज मध्य क्षेत्र पहुंच सकती है। 
 
ड्रोन से पहुंचाई जा रही कोरोना वैक्सीन- लाइव संवाद में यह पूछा गया कि क्या इनका उपयोग मेडिकल सुविधाओं के लिए करेंगे मरीज के लिए दवा पहुंचाने के लिए मददगार साबित होगा। इस पर सिंधिया ने कहा कि उत्तराखंड,  जम्मू-कश्मीर में कोरोना वैक्सीन वितरण का काम ड्रोन के माध्यम से हो रहा है। मणिपुर में तालाब के पास ड्रोन के जरिए वैक्सीन पहुंचाई गई। नर्स ने डिलीवरी ली रजिस्टर में एंट्री की और डॉक्टर ने वैक्सनी निकाली और तुरंत वैक्सीनेशन महाअभियान शुरू हो गया है। 31 किलोमीटर दूर ड्रोन पहुंच गया करीब 2 घंटे की बचत हुई।
 
एक सवाल के जवाब में सिंधिया ने कहा कि 200 स्टार्टअप ड्रोन के जरिए काम कर रहे हैं इसमें सॉफ्टवेयर अलग है माइनिंग,स्वास्थ, उद्योग के क्षेत्र में अलग-अलग सॉफ्टवेयर वाले ड्रोन उपयोग में आएंगे। ड्रोन पॉलिसी के जरिए नई जनरेशन और नए सिस्टम का जन्म होने जा रहा है । इससे कई लोगों को रोजगार मिलेगा। देश में 6 लाख 50 हजार से ज्यादा गांव हैं। आने वाले समय में जब एक लाख ड्रोन का भी इस्तेमाल होगा तो हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। इसमें नए स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहन योजना पीएलआई स्क्रीम भी लागू की है। इससे नए स्टार्टअप को मदद मिलेगी। आने वाले समय में 60 करोड़ की यह इंडस्ट्रीज 1500 करोड़ की होगी।
 
इन जोनों में उड़ान भरेगा ड्रोन-सवालों के जवाब देते हुए सिंधिया ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई ड्रोन पॉलिसी में लाइसेंस की प्रक्रिया को सरल किया गया। फीस कम की गई है। इसके अलावा तीन जोन में इसे संचालन की अनुमति होगी। रेड, यलो, ग्रीन के इसके तीन क्षेत्र बनेंगे। रेड जोन में इसके उड़ने की इजाजत नहीं होगी। यलो में कुछ शर्तों के साथ परमीशन होगी। जबकि ग्रीन क्षेत्र में परमीशन की जरूरत नहीं होगी। एक एयर स्पेस मैप हमने अपलोड कर दिया है।

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