वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि हमारी बहसों और चर्चाओं में मतभेद हमारी समस्या नहीं है। हमारी समस्या विचारों की कमी है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग भी हैं जो अपनी विचारधारा के आधार पर दृढ़ विश्वास के साथ खड़े हैं लेकिन इस तरह के लोगों की संख्या घट रही है। और विचारधारा में गिरावट, जो हो रही है, लोकतंत्र के लिए अच्छी नहीं है।
गडकरी ने कहा कि न तो दक्षिणपंथी और न ही वामपंथी, हम जाने-माने अवसरवादी हैं, कुछ लोग ऐसा लिखते हैं। और सभी सत्तारूढ़ दल से जुड़े रहना चाहते हैं।