न्यायालय ने कहा कि वह यूनिटेक प्रोमोटर की अंतरिम जमानत को लेकर तभी विचार करेगा जब उसके पास कंपनी की आवासीय परियोजनाओं, फ्लैटों और घर खरीदारों के बारे में विस्तृत ब्योरा उपलब्ध हो जाएगा। इसके लिए न्यायमूर्ति मिश्रा ने वरिष्ठ अधिवक्ता पवन कुमार अग्रवाल को न्यायमित्र बनाया और उन्हें यह ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा है कि कितने खरीदार पैसा चाहते हैं और कितने फ्लैट या घर।