खबर के अनुसार यूपीए सरकार ने एनआईए पर तब दबाव बढ़ाना शुरू किया जब संदिग्ध हिंदू आतंकी स्वामी असीमानंद ने कारवां मैगजीन को फरवरी 2014 में पंचकुला जेल में रहते हुए दिए इंटरव्यू में हमलों के लिए प्रेरित करने वालों में कथित तौर पर मोहन भागवत का नाम लिया था। लेकिन एनआईए प्रमुख शरद कुमार ने टेप की फॉरेंसिक जांच करवाई और जब कुछ खास सामने नहीं आया तो उन्होंने मामला खत्म कर दिया।