मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकारें हैं और यहां हाल ही में विधानसभा चुनाव भी हुए हैं। हालांकि इन राज्यों से जिस तरह की खबरें आ रही हैं, वे भाजपा के लिए अच्छी नहीं हैं। तीनों ही राज्यों में भाजपा को तगड़ा नुकसान होने जा रहा है लेकिन इससे पहले भाजपा को केन्द्र में भी बड़ा झटका लग गया है।
दरअसल, एनडीए सरकार में सहयोगी रहे आरएलएसपी के नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने सोमवार को केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उनकी पार्टी का केन्द्र में एनडीए से भी नाता टूट जाएगा। कुशवाहा बिहार से आते हैं। उन्हें मु्ख्यमंत्री नीतीश कुमार का धुर विरोधी माना जाता है। गौरतलब है कि 11 दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र भी शुरू हो रहा है।
हालांकि इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है क्योंकि जिस समय नीतीश कुमार ने राजद छोड़कर बिहार में भाजपा का हाथ थामा था तभी से अटकलें थीं कि कुशवाहा जल्द ही एनडीए से नाता तोड़ लेंगे। रालोसपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में दो से ज्यादा सीटें नहीं मिलने के भाजपा के संकेतों के बाद से कुशवाहा नाराज चल रहे थे। रालोसपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में तीन सीटें जीती थीं। बताया जा रहा है कि कुशवाहा के एनडीए से अलग होने के बाद बिहार में नए राजनीतिक समीकरण बनेंगे। बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं।
आगामी लोकसभा चुनाव 2019 में आरएलएसपी का कांग्रेस और लालू यादव के राष्ट्रीय जनता दल से गठजोड़ हो सकता है। कुशवाहा ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी भाजपा को उखाड़ फेंकेंगे। उन्होंने कहा कि राम मंदिर मुद्दा उठाकर जनता का ध्यान भटकाने का काम किया जा रहा है।