एएनआई के ट्वीट के मुताबिक उत्तराखंड आयुर्वेद डिपार्टमेंट के लाइसेंस अधिकारी ने बताया कि पतंजलि के आवेदन के अनुसार उन्हें लाइसेंस जारी किया गया था। हमने उन्हें सिर्फ इम्युनिटी बूस्टर (रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाई), खांसी और बुखार की दवाई बनाने के लिए ही लाइसेंस जारी किया था।
आपको बता दें कि बाबा ने दावा किया है कोरोनिल (Coronil) नामक दवाई से 7 दिन में शत-प्रतिशत मरीज ठीक हुए हैं, जबकि 3 दिन में 69 फीसदी मरीज ठीक हुए। आयुष मंत्रालय ने पतंजलि से दवाई के घटकों के बारे में भी जानकारी मांगी है।