यहां के निकट झाझरा में 'विज्ञान धाम' में आयोजित उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन के खतरों की दिशा में लचीलेपन के लिए अभ्यास और नीति के साथ विज्ञान को जोड़ने पर एक कार्यशाला में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री रावत ने यह भी बताया कि शीघ्र ही हिमालयी राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा केन्द्रीय मंत्रियों का इस विषय पर एक सम्मेलन देहरादून में आयोजित किया जाएगा।
जलवायु परिवर्तन का विषय आते ही सबसे पहले 'केदार आपदा' के याद आने की बात कहते हुए रावत ने कहा कि कृषि, वानिकी, समुद्रतल, जलस्तर, मौसम आदि सभी विषय इससे प्रभावित हैं और यह एक बड़ी चुनौती बन चुका है।