उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच से पता चला है कि संदिग्ध सैन्य शिविर में तैनात सेना के एक अधिकारी से संवेदनशील दस्तावेज हासिल करता था और उसे पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) को मुहैया कराता था। उन्होंने बताया कि सेना का अधिकारी कथित तौर पर हर दस्तावेज के लिए पैसे लेता था। पुलिस ने अधिक जानकारी का खुलासा नहीं किया है और कहा है कि मामले की जांच की जा रही है और तथ्यों की पुष्टि की जा रही है।(भाषा)