नायडू आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी समेत कई दिग्गज नेताओं के साथ संसद भवन पहुंचे और नामांकन दाखिल किया।
शाह ने कहा कि नायडु को 25 साल का लंबा संसदीय अनुभव है और वे युवावस्था से ही भाजपा से जुड़े रहे हैं। वे 1970 से सार्वजनिक जीवन में हैं और दक्षिण भारत में जेपी आंदोलन से जुड़े वे सबसे बड़े नेताओं में से एक हैं। वे चार बार राज्यसभा के सदस्य रहे हैं और दो बार विधायक रहे हैं। इसके साथ ही नायडू दो बार भाजपा अध्यक्ष रह चुके हैं। वे अटलबिहारी वाजपेयी सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में नामांकन की आज आखिरी तारीख है। अठारह विपक्षी दलों ने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गांधी को पहले ही अपना उम्मीदवार कर दिया था और वे भी कल ही नामांकन पत्र भरेंगे। शाह ने बाद में एक बयान में कहा कि राजग ने एक छोटे किसान के पुत्र को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नायडू को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर उन्हें बधाई दी और कहा कि वे इस पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि नायडू का वर्षों का संसदीय अनुभव राज्यसभा के सभापति की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में उनके लिए मददगार होगा। उन्होंने कहा कि नायडू को सार्वजनिक जीवन का कई वर्षों का अनुभव है और राजनीतिक क्षेत्र में सभी उनकी प्रशंसा करते हैं।
नायडू को उम्मीदवार बनाये जाने की कई दिनों से अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन बताया जाता है कि वे इसके लिए तैयार नहीं थे। सूत्रों के अनुसार नायडू इसे लेकर सुबह वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ मोदी से मिले थे और बाद में शाह से भी उनकी मुलाकात हुई।
भाजपा के 11 अशोक रोड स्थित मुख्यालय में संसदीय बोर्ड की बैठक में उपराष्ट्रपति पद के लिए राजग के उम्मीदवार के रूप में सिर्फ नायडू का नाम रखा गया जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। बाद में मोदी और शाह के साथ नायडू बाहर आए और मीडिया का अभिवादन किया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने नायडू को गुलदस्ता देकर शुभकामनाएं दीं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री जगतप्रकाश नड्डा, पीयूष गोयल, बंडारू दत्तात्रेय, भाजपा महासचिव भूपेन्द्र यादव मौजूद थे। (वार्ता)