मुकेश अंबानी गुजरात में करेंगे 1 लाख करोड़ का निवेश

रविवार, 11 जनवरी 2015 (15:27 IST)
गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्थिर नीति और कर प्रणाली के जरिए भारत को कारोबार करने के लिहाज से ‘सबसे आसान’ देश बनाने के वादे के बीच अंबानी, अडाणी, बिड़ला, सुजुकी व रियो टिंटो जैसी दिग्गज कंपनियों ने रविवार को 1.6 लाख करोड़ रुपए से अधिक निवेश तथा लगभग 50,000 नए रोजगार देने की प्रतिबद्धता जताई। अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज अगले 12-18 महीने में विभिन्न कारोबारों में एक लाख करोड़ रुपए का निवेश करेगी।
मोदी ने सभी क्षेत्रों के ‘सचमुच व्यापक’ विकास का वादा भी किया जबकि वाइब्रेंट गुजरात समिट के पहले दिन उद्योगपतियों ने भारी निवेश की प्रतिबद्धता जताते हुए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
 
अडाणी समूह ने सनएडिसन के साथ भागीदारी में गुजरात में सोलर पार्क लगाने का समझौता किया है। इस परियोजना में लगभग 25000 करोड़ रुपए का निवेश होगा जबकि 20000 रोजगार सृजित होंगे। अडाणी समूह ने ऑस्ट्रेलिया ई ऊर्जा कंपनी वुडसाइड से भी समझौता किया है।
 






 
 
 
 
 
 
आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने राज्य में सीमेंट और अन्य कारोबार में 20,000 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की है। वहीं विदेशी कंपनियों में ऑस्ट्रेलिया ई खनन कंपनी रियो टिंटो के सीईओ सेम वाल्श ने कहा कि उनका समूह गुजरात में हीरा कटाई-छंटाई उद्योग में 30,000 रोजगार सृजित करेगा। उन्होंने कहा कि समूचा ऑस्ट्रेलिया गुजरात की ओर उम्मीदों से भरे कारोबारी गंतव्य के रूप में देख रहा है।
 
जापानी वाहन कंपनी सुजुकी के चेयरमैन ओसामू वुजुकी ने कहा कि गुजरात में स्थापित की जा रही नई कार विनिर्माण इकाई 2017 तक तैयार हो जाएगी। कंपनी इसमें 4000 करोड़ रुपए का निवेश कर रही है।
 
कल्याणी ग्रुप ने भी धोलेड़ा, गुजरात में आर्मर्ड फाइटिंग व्हीकल्स इकाई के उन्नयन आदि में 600 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की है। वेलस्पन रिनयूएबल्स ने सोलर और पवन ऊर्जा योजनाओं में 8300 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की है।
 
मोदी ने यहां वाइब्रेंट गुजरात समिट के सातवें संस्करण का उद्घाटन किया। इस समिट की शुरुआत 2003 में उन्होंने ही गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए की थी। मोदी ने देश में स्थायी नीति माहौल तथा स्थिर कर प्रणाली का वादा करते हुए वैश्विक समुदाय को आश्वस्त किया कि भारत व्यापार करने के लिहाज से ‘सबसे आसान’ जगह बनेगा।
 
उन्होंने कहा, पहले दिन से मेरी सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए सरगर्मी से लगी है। मेरी सरकार भरोसेमंद, पारदर्शी और निष्पक्ष नीतिगत वातावरण तैयार बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।  
 
उद्घाटन सत्र में अमेरिकी के विदेश मंत्री जॉन केरी, संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून, विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम और अन्य देशों के नेता तथा देश-विदेश की नामी कंपनियों के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। 
 
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के गठन के बाद सात महीने के थोड़े समय में ही ‘निराशा और अनिश्चितता’ का वातावरण दूर हो गया है। पिछले साल मई में सम्पन्न हुए आम चुनाव में भाजपा को मिली बड़ी जीत के बाद सत्ता संभालने वाले मोदी ने कहा कि सरकार ‘जब भी आपको जरूरत होगी आपके हाथ थामेगी, अगर आप एक कदम चलते हैं तो हम आपके लिए दो कदम चलेंगे।’ 
 
उन्होंने कहा, पहले दिन से सरकार अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सक्रियता से काम कर रही है। मेरी सरकार भरोसेमंद, पारदर्शी और निष्पक्ष नीतिगत माहौल तैयार करने को लेकर प्रतिबद्ध है। 
 
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात समिट देश का ‘प्रमुख आर्थिक शिखर सम्मेलन’ बन गया है और मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों ने इस तरह के आयोजन शुरू किए हैं।
 
आयोजन के पहले दिन विभिन्न नेताओं व विशेषज्ञों ने देश में और अधिक सुधारों का आह्वान किया। विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने भारत में समावेशी वृद्धि के लिए कर और सब्सिडी सुधारों को जरूरी बताया।
 
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने और अधिक अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल के भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की। अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा कि वे प्रधानमंत्री मोदी के नारे ‘सबका साथ, सबका विकास’ से बहुत प्रभावित हुए हैं। (भाषा)

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