इस दौरान हिंसा की आशंका के बाद रेल सेवाओं को भी निलंबित कर दिया गया। दूसरी ओर सोशल साइट पर अपनी नौकरी से त्याग पत्र देने वाले पुलिसकर्मी को पुलिस ने पूछताछ के लिए तलब कर लिया है। जानकारी के अनुसार, अनंतनाग के लाल चौक इलाके में जुम्मे की नमाज के बाद लोगों ने रोहिंग्या मुसलमानों की हत्याओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस और पेलेट गन का इस्तेमाल किया। वहीं गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहन (रक्षक) को आग के हवाले कर दिया। पुलिस के अनुसार, झड़पों में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। वहीं स्थिति नियंत्रण में है। उधर, म्यांमार में मुसलमानों की हत्या के विरोध में प्रदर्शनों को रोकने के लिए श्रीनगर के कई इलाकों में प्रतिबंध लगा दिया गया है। रैनावाड़ी, खानयार, नौहट्टा, एमआर गंज और सफाकदल इलाकों में प्रतिबंध लागू किया गया है।
प्रशासन ने नौहट्टा इलाके में स्थित जामिया मस्जिद में जुम्मे की की नमाज अदा करने की इजाजत नहीं देने का फैसला भी किया है। वरिष्ठ अलगाववादी नेता मीरवाईज फारूक ने प्रदर्शन आहूत किया है। विरोध प्रदर्शन में मीरवाइज को शामिल होने से रोकने के लिए उन्हें घर में नजरबंद रखा गया है। विरोध प्रदर्शन के लिए आहूत किए गए बंद के चलते घाटी में जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित हुआ है। पांचों इलाकों में दुकानें सार्वजनिक परिवहन और अन्य व्यवसाय बंद रहे
इस बीच सोशल साइट पर अपनी नौकरी से त्याग पत्र देने वाले पुलिसकर्मी को पुलिस ने पूछताछ के लिए तलब कर लिया है। जम्मू कश्मीर पुलिस के एक कर्मी ने फेसबुक पर नौकरी से त्याग पत्र दिया और इसका कारण अपनी अंतरात्मा की आवाज बताया। फिलहाल जवान को पुलिस ने धर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि आधिकारिक तौर पर उसने त्याग पत्र नहीं दिया है, बल्कि जो भी कहा, वो सोशल मीडिया के फेसबुक पर ही कहा है।
जवान की पहचान रईस अहमद शेख के तौर पर हुई है। उसने कहा कि उसकी अंतरात्मा ने उसे कहा कि उसके आसपास जो खून खराबा हो रहा है वो सही नहीं है। मेरे पास इसका जवाब नहीं है। मेरी आत्मा मुझे झिंझोड़ रही है। मैं अपनी नौकरी से त्याग पत्र देता हूं। उसने फेसबुक पर सीधे तौर पर कश्मीर की आजादी के आंदोलन को समर्थन देते हुए त्याग पत्र दिया। फेसबुक पर उसका त्याग पत्र देना चर्चा का विषय बना हुआ है। फिलहाल पुलिस मामले में पूछताछ कर रही है।