उनका मानना है कि मॉरीशस में विश्व हिन्दी सचिवालय है, जो कि गिरमिटिया देशों में हिन्दी को बढ़ाने का काम कर सकता है। गिरमिटिया देशों में स्कूली बच्चों को हिन्दी द्वितीय भाषा के रूप में सिखाई जा सकती है। इसके लिए अच्छे शिक्षक तैयार किए जाना चाहिए। (विस्तृत साक्षात्कार के लिए देखें वीडियो)