ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में 16 घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चर्चा का जवाब देते हुए अपने भाषण में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम नहीं लिए जाने पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने फिर पीएम मोदी पर सवाल उठाए है। राहुल गांधी ने कहा पीएम ने क्लियर नहीं कहा कि ट्रंप झूठ बोले रहे है। 29 बार ट्रंप ने सीजफायर पर कहा है लेकिन उसका जवाब नहीं दिया। इसके साथ राहुल ने पीएम मोदी के भाषण में चाइना का जिक्र नहीं होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूरा देश जानता है कि पाकिस्तान की टेक्निकल मदद और एयरफोर्स ने की लेकिन पीएम के मुंह से एक शब्द नहीं निकला।
ट्रंप पर खमोश पीएम मोदी?- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को जब संसद में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अपनी सरकार का पक्ष रखा तो उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का 16 बार और पाकिस्तान का जिक्र 40 बार किया। कांग्रेस का 21 बार, पंडित जवाहर लाल नेहरू का 9 बार जिक्र किया लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक बार भी नाम नहीं लिया। जबकि ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में चर्चा के दौरान राहुल सहित विपक्ष के नेताओं की मांग ही यह थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ऑपरेशन सिंदूर पर डोनाल्ट ट्रंप के सीजफायर कराने वाले दावे पर बोले। हलांकि पीएम मोदी ने यह जरूर कहा कि दुनिया के किसी भी नेता ने भारत को ऑपरेशन सिंदूर को रोकने के लिए नहीं कहा।
कांग्रेस पर जमकर बरसे पीएम मोदी- पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा दुनिया के किसी भी देश ने भारत को अपनी सुरक्षा में कार्रवाई करने से रोका नहीं है। दुनिया के 193 देशों में से सिर्फ 3 देशों ने ऑपरेशन सिंदूर के समय पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिया था। दुनिया के तमाम देशों का समर्थन भारत को मिला। दुनिया का समर्थन तो मिला लेकिन यह दुर्भाग्य है देश के वीरों के पराक्रम को कांग्रेस का समर्थन नहीं मिल। पीएम ने आगे कहा कि वह लोकतंत्र के मंदिर में यह दोहराना चाहता हूं कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है और अगर पाकिस्तान ने दुस्साहस किया तो उसे करारा जवाब दिया जाएगा।
इतना ही नहीं पीएम मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस की पिछली सरकारों के समय पाकिस्तान को लेकर अपनाई गई नीतियों पर भी हमला बोला। पीएम ने अपने भाषण में 21 बार कांग्रेस और 9 बार पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जिक्र करते हुए कहा सिंधु जल संधि को ऐतिहासिक ब्लंडर बताते हुए कहा यह वह गलती है जो कभी नहीं सुधरेगी। इसके साथ पीएम ने 1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध का जिक्र करते हुए उस वक्त पाकिस्तान का हजारों वर्ग किमी क्षेत्र में हमारे पास था तब थोडा विजन होता तो पीओके निर्णय का लेने हो सकता था।
ट्रंप के दबाव में क्या हैं भारत?- पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के ऑपरेश सिंदूर के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का 29 बार दावा कराने वाले डोनाल्ड ट्रंप का नाम क्या प्रधानमंत्री ने अमेरिकी दबाव में नहीं लिया या पीएम ने ट्रंप से अपनी मित्रता निभाई। भारत के प्रधानमंत्री होते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में अबकी बार ट्रम्प सरकार का नारा देकर नरेंद्र मोदी ने उनसे अपनी दोस्ती निभाई थी।
डोनाल्ड ट्रंप एक तरफ भारत -पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का दावा कर रहे तो दूसरी ओर टैरिफ को लेकर भारत पर दबाव बढ़ा दिया है। दरअसल ट्रंप भारत पर ट्रेड डील का दबाव बना रहे है तो और ट्रेड डील नहीं होने पर भाारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने के चेतावनी दी है। अमेरिका चाहता है कि ट्रेड के जरिए भारत अमेरिका के लिए अपने बाजार खोले लेकिन भारत ने पूरी तरह अपना रूख साफ नहीं किया है। अगर एक अगस्त तक ट्रेड डील नहीं होती है तो भारत को अमेरिका के ट्रेरिफ का सामना करना पड़ा सकता है और भारत को भारी टैक्स चुकाना पड़ सकता है। ऐसे वक्त में क्या पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में खुलकर डोनाल्ड ट्रंप का नाम नहीं लेकर ट्रंप से किसी सीधे टकराव को टालने की कोशिश की है।