वसीम रिजवी ने कहा, 'जो भगवान दुनिया के इंसानों की किस्मत का फैसला करता है, 'वह भगवान अपने घर के फैसले के लिए इंसानी अदालत के फैसले का इंतजार कर रहा है। यह पूरी दुनिया के इंसानों के लिए शर्म की बात है।'
उधर, आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि हर हिंदुस्तानी चाहता है कि यह मसला कोर्ट के जरिए हल हो जाए। अब जरूरत मुल्क के इस बड़े मसले के हल होने की है। सुप्रीम कोर्ट सभी पक्षकारों की पूरी बात सुनकर फैसला सुनाएगी। किसी के भी दिल में फैसले पर गिला-शिकवा नहीं रहेगा।