नई दिल्ली। पहाड़ी राज्यों में हो रही बर्फबारी से उत्तर भारत भीषण ठंड की चपेट में है। कश्मीर में अगले 2 दिनों में बर्फबारी हो सकती है। उत्तरी भारत के कई राज्यों में बारिश की भी आशंका है।
मौसम पूर्वानुमान लगाने वाली वेबसाइट स्काईमेट के मुताबिक उत्तर भारत के मैदानी राज्यों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन रहा है। यह पश्चिम बंगाल तक बनेगा। इन दोनों सिस्टमों के कारण पूर्वी राज्यों में 8 और 9 जनवरी को गरज के साथ हल्की से मध्यम बौछारें गिरने की संभावना है।
कश्मीर के अधिकतर क्षेत्रों में अगले 48 घंटे में हल्की से मध्यम स्तर की बर्फबारी की संभावना है। उत्तराखंड के मसूरी तथा उसके आसपास धनोल्टी और सरोवर नगरी नैनीताल के चारों ओर पहाड़ियों सहित अन्य ऊंचाई वाले कई स्थानों में साल का पहला हिमपात हुआ, जिससे पूरा प्रदेश शीतलहर की चपेट में आ गया है।
स्काइमेट का अनुमान है कि पूर्वी भारत के भागों में हुई इस बारिश के चलते नमी अधिक है और तापमान भी कम हो रहा है जिससे पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा के कई हिस्सों में मध्यम से घना कोहरा छा सकता है।
न्यूनतम तापमान में लगभग 2-3 डिग्री सेल्सियस की और गिरावट होने की संभावना है। जबकि मौसम साफ होने के कारण धूप का असर बढ़ने से अधिकतम में वृद्धि होगी।
कश्मीर में 40 दिन का चिल्लेकलां चल रहा है। इन 40 दिनों में काफी सर्दी पड़ती है और बर्फबारी की संभावना काफी ज्यादा रहती है। चिल्लेकलां की शुरुआत 21 दिसंबर को हुई थी और यह 31 जनवरी को खत्म होगा।
उत्तराखंड शीतलहर की चपेट में : पहाड़ों की रानी मसूरी तथा उसके आसपास धनोल्टी और सरोवर नगरी नैनीताल के चारों ओर पहाड़ियों सहित अन्य ऊंचाई वाले कई स्थानों में साल का पहला हिमपात हुआ, जिससे पूरा प्रदेश शीतलहर की चपेट में आ गया है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, औली, यमुनोत्री, गंगोत्री, हर्षिल तथा अन्य ऊंचाई वाले स्थानों पर जबरदस्त बर्फबारी होने तथा निचले इलाकों में बारिश होने से शीतलहर जैसे हालात बन गए हैं।
बर्फबारी की आशंका : 9 जनवरी तक पूरे प्रदेश में बर्फबारी और बारिश होने की संभावना है। 6, 7 और 8 जनवरी को उत्तराखंड में ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश के साथ छिटपुट स्थानों विशेष रूप से देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, पौडी और नैनीताल जिलों में ओलावृष्टि की संभावना भी व्यक्त की गई है।
मौसम विभाग ने अधिकारियों से बर्फ से प्रभावित इलाकों की सड़कें जनवरी तक साफ करने को कहा है, जिससे पहाड़ों में रहने वाली जनता और पर्यटकों को आवागमन में परेशानी न हो।