नई दिल्ली/भोपाल। उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत प्रचंड गर्मी से झुलस रहा है। सूर्य देवता के उग्र रुप से देश के लोगों में हाहाकार मचा हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों ने अगले दो दिनों में कोई राहत के संकेत नहीं दिए हैं। रविवार को मध्यप्रदेश का इंदौर और भोपाल शहर सबसे गर्म रहा जबकि खरगोन में पारा 47 के पार चला गया।
मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में रविवार को अधिकतम तापमान 41.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। विभाग ने अनुमान जताया है कि सोमवार को दिल्ली का आसमान साफ रहेगा। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 42 डिग्री सेल्सियस और 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
उधर ओडिशा भी जबर्दस्त गर्मी की चपेट में है। राज्य के तालचर में अधिकतम तापमान 46.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। यह राज्य का सबसे गर्म इलाका रहा। भुवनेश्वर में मौसम केंद्र ने बताया कि राज्य के कम से कम 13 राज्यों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहा।
पश्चिमी भारत का गुजरात भी भीषण गर्मी की चपेट में है। विशेष तौर पर दक्षिणी गुजरात और कच्छ तथा सौराष्ट्र के क्षेत्रों में जबर्दस्त गर्मी पड़ रही है। अगले दो दिनों तक गर्मी की यही स्थिति बने रहने की चेतावनी मौसम विभाग ने दी है। अहमदाबाद में अधिकतम तापमान 43.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 2.4 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था।
कांडला हवाई अड्डा राज्य का सबसे गर्म इलाका रहा जहां अधिकतम तापमान 46.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, वहीं सौराष्ट्र के सुंदरनगर में पारा 44.7 डिग्री सेल्सियस और अमरेली में तापमान 44.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वडोदरा और राजकोट में तापमान क्रमश: 44.4 और 44 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
मध्यप्रदेश में टूटा साल का रिकॉर्ड : अप्रैल का आखिरी सप्ताह मध्यप्रदेश में गर्मी के सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है। गर्मी के चलते लोगों ने सड़कों पर दिन में निकलना कम कर दिया है। खरगोन में पारा सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 47.5 डिग्री तक पहुंच गया, जो देश में सबसे अधिकतम रहा।
शनिवार का दिन 43.3 डिग्री तापमान के साथ भोपाल में इस साल का सबसे गर्म दिन रिकॉर्ड किया गया, वहीं शनिवार इंदौर में 43.4, ग्वालियर में 42.7 और जबलपुर में 43.1 तापमान रहा।
मौसम विज्ञानी के अनुसार अभी मानसून आने में एक महीने का वक्त है, जिससे मौसम के और गर्म होने की आशंका है। मौसम विज्ञानी बताते हैं कि मानसून सही समय आए, इसके लिए जरूरी है कि किसी भी तरह का साइक्लोन न आए और यदि साइक्लोन आता है तो इससे मानसून और देर से आएगा, जिससे मौसम गर्म बना रहेगा।