खबरों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान यास से प्रभावित लोगों और राहत कार्यों से जुड़ी समीक्षा बैठक को लेकर उठे विवाद के बाद केंद्र ने यह फैसला किया है। केंद्र सरकार की ओर से बंगाल सरकार से बंदोपाध्याय को तत्काल प्रभाव से सेवा से मुक्त करने का अनुरोध किया गया है।
लगभग 30 मिनट बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वहां पहुंचीं और प्रधानमंत्री को कागजात सौंपकर चली गईं। उनके साथ मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय भी थे। जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री ममता के इस व्यवहार को जहां पीड़ादायक बताया, वहीं अमित शाह ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।