चीन की तरह HMPV वायरस के भारत में आउटब्रेक होने का कितना डर, कोरोना की तरह क्या फेफड़ों के संक्रमण का खतरा?

विकास सिंह

बुधवार, 8 जनवरी 2025 (13:10 IST)
भारत में चीन के खतरनाक HMPV वायरस की एंट्री हो गई है, देश में लगातार HMPV के मामले बढ़ते जा रहे है, जिसे लेकर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय अलर्ट मोड में आ गया है। लोगों के जेहन में एक बार फिर कोरोना वायरस की बुरी यादों को ताजा कर दिया है। भारत में अब तक HMPV के 8 केस सामने आ चुके हैं. इसमें से 2 मामले कर्नाटक से सामने आएं हैं, जिनमें एक तीन महीने की बच्‍ची और एक 8 महीने का बच्चा है। दो केस तमिलनाडु में, 2 केस महाराष्‍ट्र के नागपुर में और अहमदाबाद में 2 महीने के बच्चे में एचएमपीवी वायरस पाया गया है।
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HMPV वायरस को खौफ सोशल मीडिया से लेकर शेयर बाजार पर देखा जा रहा है। HMPV को लेकर वेबदुनिया लगातार देश के वरिष्ठ डॉक्टरों और वैज्ञानिकों से बात कर पूरी स्थिति को समझने की कोशिश कर रहा है औऱ अपने पाठकों तक सटीक और तत्थायात्मक जानकारी पहुंचा रहा है। इस कड़ी में 'वेबदुनिया' ने बनारस हिंदू यूनिर्विसटी के सीनियर वैज्ञानिक  प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे से खास बातचीत की।

1-चीन में HMPV वायरस का आउटब्रेक, भारत में कितन डर?-अगर बात चीन की करें तो चीन में जो HMPV वायरस आउटब्रेक हुआ है उसके बारे में बहुत जानकारी नहीं है कि वह कौन से स्ट्रेन का वायरस है, लेकिन HMPV वायरस के A और B स्ट्रेन ही है जो किसी भी रीजन में लोगों को संक्रमित करते है। अगर HMPV  वायरस की कोविड वायरस के तुलना की जाएं तो HMPV वायरस हमारे लिए नया नहीं है। वहीं पांच वर्ष से अधिक आयु के लोग इस वायरस के एक न एक बार इस वायरस से संक्रमित हो चुके है तो उनके लिए कोई गंभीर रूप से बीमार होने की संभावना नहीं है। HMPV वायरस पर अब तक जो रिसर्च हुई है वह यह बताती है कि अब तक इसके दो वैरिएंट पूरे विश्व में है और सर्दियों में जो फ्लू के इंफेक्शन होते है उसमें 12 से 15 फीसदी इंफेक्शन इसी वायरस से होते है।

2-HMPV वायरस से भारत में किसको खतरा?-चीन में HMPV वायरस के आउटब्रेक होने और  भारत में लगातार इसके के सामने आने के बाद अब यह सवाल खड़ा होने लगा है कि HMPV वायरस से भारत में किसको अधिक खतरा है। इस सवाल पर प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे कहते हैं कि HMPV वायरस से...

-पांच साल से कम उम्र के बच्चों को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।
-65 साल से अधिक उम्र के लोगों को सतर्कता बरतनी होगी।
-ऐसे लोग जिनको कोई कोमार्बिटी (comorbidities) है यानि वह पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित है उनको सतर्क रहने की जरूरत है।  
-कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जो सावधानी हमने रखी थी वहीं सावधानी HMPV वायरस से बचाव के लिए रखनी होगी।


3-HMPV वायरस फेफड़ों को करता हैं संक्रमित?- कोरोना वायरस का सबसे अधिक संक्रमित व्यक्ति के फेफड़ों पर पड़ा था और बीमारी ने भयावह रूप ले लिया था ऐसे मे क्या HMPV वायरस भी लंग्स को प्रभावित करता है इस सवाल पर ज्ञानेश्वर चौबे कहतेहैं कि HMPV वायरस से संक्रमित व्यक्तियों में upper respiratory tract infection होता यानि संक्रमित व्यक्तियों को खांसी अधिक आएगी लेकिन उसके लंग्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके साथ सर्दी, खांसी और हल्का बुखार आना इसके सामान्य लक्षण है।

4-क्या कोरोना वायरस की तरह है HMPV वायरस?-ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) कोविड वायरस की तरह एक RNA वायरस है लेकिन HMPV वायरस कोरोना से एक बहुत अलग तरह के वायरस है। HMPV वायरस के एक सिंगल स्टैंडर्ड आरएनए वायरस है और इसका सबसे क्लोज रिलेटेडड वायरस है जोकि avian  Metapneumovirus है जिससे पक्षियों में बर्डफ्लू बीमारी फैलती है।

5-HMPV वायरस मनुष्यों में कैसे फैला?-HMPV वायरस मनुष्यों में कैसे फैला है इसकी बहुत जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। अगर रिसर्च जनरल को देखा जाए तो HMPV वायरस पिछले 60-65 सालों से मनुष्यों में पाया जा रहा है। जैसे बताया जाता है कि कोरोना वायरस किसी एनिमल से मनुष्यों में फैला जबकि HMPV वायरस काफी लंबे समय से ह्यूमन के साथ है। वहीं ताजा रिसर्च यह बता रही है कि अपने पांच साल के उम्र में पूरे विश्व का हर व्यक्ति इससे एक बार संक्रमित हो चुका है।

6-कोरोना की तुलना में HMPV वायरस से कम खतरा?-अगर कोरोना वायरस के साथ HMPV वायरस की तुलना की जाएं तो कोरोना वायरस के अचानक से ह्यूमन के साथ जंप किया था, इसकी उसकी तीव्रता अधिक थी और लोग ज्यादा गंभीर रुप से बीमार पड़ रहे थे जबकि HMPV वायरस लंबे समय में मनुष्यों को संक्रमित कर चुका है इसलिए ऐसे लोग जो स्वस्थ्य है और पांच साल से उपर है और ऐसे लोग जिनको कोई कोमार्बिट नहीं है यानि अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित नहीं हैं उनको कोई गंभीर रुप से खतरा नहीं है।
 

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