abhijit gangopadhyay : जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय आज कोलकाता हाईकोर्ट के पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि वे मेदिनीपुर या तामलुक लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।
जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने सोमवार को अदालत में कहा कि उन्होंने न्यायाधीश के रूप में अपना काम पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि एक न्यायाधीश कोर्ट में आने वाले मामलों को ही देखता है, लेकिन हमारे देश में और हमारे राज्य पश्चिम बंगाल में बहुत बड़ी संख्या में बहुत असहाय लोग हैं। अगर वे राजनीति में उतरते हैं तो इन असहाय लोगों की मदद कर सकते हैं।
हालांकि कुछ वकीलों और वादियों ने उनसे कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में इस्तीफा देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
हाजरा कॉलेज, से लॉ की पढ़ाई करने वाले न्यायाधीश गांगुली राज्य सेवा के अधिकारी भी रहे चुके हैं। 61 वर्ष के गांगुली 2018 में कलकाता हाईकोर्ट में बतौर न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। 2020 में उनकी नियुक्ति स्थायी हुई थी।
साल 2022 में उन्होंने ही सीबीआई और ईडी को पश्चिम बंगाल में स्कूल नौकरियों में घोटाले की जांच करने का निर्देश दिया था। उन्होंने 32000 शिक्षकों की बहाली को रद्द करने का आदेश दिया था। हालांकि डिविजन बैंच ने इस आदेश पर रोक लगा दी।
जस्टिस गंगोपाध्याय ने एक समय सीबीआई को जांच की धीमी गति पर फटकार लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत की बात कही थी। वह अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले न्यायाधीश के रूप में जाने जाते हैं।
जनवरी 2024 में उन्होंने उच्च न्यायालय के सहकर्मी जस्टिस सौमेन सेन परराज्य में एक राजनीतिक दल के लिए के लिए काम करने का आरोप लगाया था।