राज्यपाल की अनुमति से एडीजी इंटेलिजेंस भगवान स्वरूप और एसपी इंटेलिजेंस संजीव त्यागी को जांच अधिकारी नामित किया गया है। उल्लेखनीय है कि मंजिल सैनी पर श्रवण साहू को सुरक्षा नहीं दिए जाने का आरोप है। इस केस जांच सीबीआई को सौंपी गई थी, जिसने मंजिल सैनी को दोषी पाते हुए राज्य सरकार से उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने की सिफारिश की थी।
बेटे के कातिलों को सजा दिलाने के लिए श्रवण पैरवी कर रहे थे। इस मामले में श्रवण साहू एकमात्र गवाह भी थे। आरोपी लगातार श्रवण साहू को पैरवी नहीं करने के लिए धमकियां दे रहे थे। जब उन्होंने पुलिस से सुरक्षा मांगी तो पुलिस ने टालमटोल कर दिया। बाद में डीजीपी मुख्यालय के निर्देश पर उन्हें सुरक्षा देने का आदेश जारी किया गया था। इससे पहले कि पुलिस श्रवण साहू को सुरक्षा मुहैया कराती, बदमाशों ने घर में घुसकर श्रवण साहू की हत्या कर दी।
इसके बाद मंजिल ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इकोनॉमिक्स में टॉप कर गोल्ड मेडल हासिल किया। मंजिल 2005 बैच की आईपीएस ऑफिसर हैं। मंजिल सैनी उत्तर प्रदेश के बंदायू, मुजफ्फरनगर, इटावा, मथुरा समेत आधा दर्जन से भी ज्यादा जनपदों में कार्यरत रही हैं। (एजेंसियां/वेबदुनिया)