NTA Chairman Pradeep Joshi : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित NEET की परीक्षा में धांधली पर मचे बवाल के बीच पहले नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट, UGC NET और फिर CSIR-UGC-NET परीक्षा रद्द कर दी गई। लगातार रद्द हो रही परीक्षाओं ने NTA और उसके प्रमुख प्रदीप जोशी को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। परीक्षा को सही ढंग से आयोजित कराने की जिम्मेदारी प्रदीप जोशी की थी, उन पर कार्रवाई के बजाए सरकार ने उन्हें ही जांच के लिए बनाई कमेटी की कमान सौंप दी। ALSO READ: सुप्रीम कोर्ट ने NEET काउंसलिंग टालने से किया इंकार, NTA और केंद्र को जारी किया नोटिस
प्रदीप जोशी ने कानपुर विश्वविद्यालय से 1977 में M.Com और 1981 में PhD की डिग्री हासिल की। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े रहे हैं। रिटायर्ड प्रोफेसर प्रदीप जोशी को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा का करीबी बताया जाता है। प्रदीप जोशी का मुरली मनोहर जोशी और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे भाजपा के दिग्गज नेताओं से जुड़ाव था।
प्रोफेसर प्रदीप कुमार जोशी ने अपने करियर की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में की। इसके बाद में रुहेलखंड यूनिवर्सिटी में मैनेजमेंट विभाग के डीन बने। फिर रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी जबलपुर बिजनेस एडमिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के चेयरमैन के रूप में कार्य किया। ALSO READ: 10 साल की सजा, 1 करोड़ जुर्माना... नए कानून से क्या रुकेंगे पेपर लीक के मामले?
प्रदीप जोशी 5 साल मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष रहे। इसके बाद छ्त्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग (CGPSC) और फिर लोकसेवा आयोग (UPSC) के प्रमुख चुने गए। यहां उन्होंने 2015 से 2020 तक 5 साल तक कार्य किया। 2023 में उन्हें NTA का प्रमुख बनाया गया।
एक RTI से पता चला है कि मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में जोशी की नियुक्ति एक संघ प्रचारक की सिफारिश पर हुई थी। 2014 में व्यापम घोटाले के समय एमपीपीएससी की कमान प्रदीप जोशी के हाथ में ही थी।