मुंबई। महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी मुंबई में गुरुवार शाम सीएसटी रेलवे स्टेशन के पास फुटओवर ब्रिज के गिर जाने से 6 लोगों की मौत की खबर है, 34 लोग इस हादसे में घायल हो गए, जिनमें 5 की हालत गंभीर बताई जा रही है। राज्य सरकार ने घायलों को 50 हजार की और मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपए देने की घोषणा की है। अब सवाल यह उठ रहा है कि इस दर्दनाक हादसे का जिम्मेदार कौन हैं?
इस पुल को कसाब ब्रिज भी कहते हैं क्योंकि कसाब ने इसी ब्रिज से लोगों पर गोलियां बरसाई थीं। 35 साल पहले बने इस बिज्र की औसतन उम्र कम से कम 60 साल थी, लेकिन ये पुल 25 साल पहले ही गिर गया।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जब पुल ढहा तब पास के सिग्नल पर लाल बत्ती के चलते ट्रैफिक रुका हुआ था और इसी कारण ज्यादा मौतें नहीं हुई। वहीं अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि आज सुबह पुल पर मरम्मत कार्य चल रहा था इसके बावजूद इसका इस्तेमाल किया गया।
2017 में एल्फिंस्टन रोड ब्रिज के पतन के बाद, बीएमसी ने हिमालय ब्रिज सहित शहर के सभी पुलों के संरचनात्मक ऑडिट का आदेश दिया था। इस ब्रिज का 6 महीने पहले ही ऑडिट हुआ था और इसे पूरी तरह सेफ बताया गया था लेकिन इसके बावजूद ये हादसा हो गया।
इस बीच महाराष्ट्र सरकार के मंत्री विनोद तावड़े ने कहा कि राज्य सरकार घायलों के इलाज की व्यवस्था कर रही है। रेलवे और बीएमसी इसके रखरखाव की जांच करेंगे। ब्रिज अभी सही कंडीशन में था। हालांकि इसमें थोड़ी बहुत मरम्मत की जरूरत थी, जिसके लिए काम चल रहा था। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है कि काम पूरा होने तक ब्रिज पर आवाजाही बंद क्यों नहीं की गई?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने मुंबई फुटओवर ब्रिज हादसे को दुखद घटना बताया। उन्होंने कहा कि ऑडिट रिपोर्ट में ब्रिज को फिट बताया गया था। घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।