कौन हैं 'Tomb of Sand' के लिए बुकर प्राइज जीतने वाली भारतीय लेखिका गीतांजलि श्री?

शुक्रवार, 27 मई 2022 (12:51 IST)
हिन्दी लेखिका गीतांजलि श्री को अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह इतिहास में पहली बार है, जब किसी हिन्दी लेखक को यह सम्मान दिया गया है। उनके उपन्यास 'टॉम्‍ब ऑफ़ सैंड' के लिए पुरस्कार दिया गया है। हिन्‍दी में यह उपन्‍यास ‘रेत समाधि’ के नाम से प्रकाशित हुआ है। यह हिन्दी भाषा का पहला नॉवेल है जिस यह सम्मान दिया गया है।

हिंदी साहित्‍य में इस खबर के बाद खुशी की लहर है। साहित्‍यकार और लेखक इस सम्‍मान को हिंदी जगत के लिए गौरव की बात मान रहे हैं। आइए जानते हैं कौन हैं बुकर विजेता लेखिका गीतांजलि श्री

गीतांजली श्री के बारे में
64 वर्षीय गीतांजलि श्री उत्तरप्रदेश के मैनपुरी जिले की रहने वाली हैं। वे बीते कई दशकों से लेखन का काम कर रही हैं। उनका पहला उपन्यास 'माई' और फिर 'हमारा शहर उस बरस' 1990 में पब्लिश हुए थे। उन्होंने 'तिरोहित' और 'खाली जगह' जैसे उपन्यास भी लिखे। उन्होंने कई कहानियां भी लिखीं हैं। उनकी किताबों का अनुवाद कई भाषाओं में हो चुका है। गीतांजलि श्री के उपन्यास 'माई' का अंग्रेजी अनुवाद 'क्रॉसवर्ड अवॉर्ड' के लिए भी नॉमिनेट किया गया था।

नॉवेल 'टूंब ऑफ़ सैंड' ब्रिटेन में प्रकाशित होने वाली उनकी पहली किताबों में से एक है। यह राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है। जिसे गुरुवार को लंदन में आयोजित समारोह में अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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