Pahalgam terrorist attack : पहलगाम के बैसरन में पिकनिक मना रहे लोगों पर उस समय कहर टूट पड़ा जब वहां अचानक आए 5 से 6 आतंकियों ने नाम और धर्म पूछकर गोलियां चलाने शुरू कर दी। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। ALSO READ: Pahalgam : सऊदी अरब दौरा छोड़ दिल्ली लौटे पीएम मोदी, क्या पुलवामा की तरह लेंगे पहलगाम का बदला
टीआरएफ को लश्कर-ए-तैयबा (LET) का एक हिस्सा माना जाता है, जो पाकिस्तान का आतंकी संगठन है। यह गुट 2019 में तब सामने आया जब भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के समर्थन से बना यह आतंकी संगठन भारत में पहले भी कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दे चुका है। 2019 में पुलवामा हमले में भी टीआरएफ का नाम सामने आया था हालांकि जांच में इस संगठन का सीधा कनेक्शन नहीं मिला। इस हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद नामक आतंकी संगठन ने ली थी। ALSO READ: पहलगाम के एक दिन बाद उरी में बड़ी साजिश नाकाम, 2 आतंकी ढेर
इस पर 2020 में भाजपा नेता और उसके परिवार की हत्या और 2023 में पुलवामा में कश्मीरी पंडित की हत्या का भी आरोप है। कश्मीर में बढ़ती सक्रियता को देखते हुए भारत सरकार ने इसे 2023 में ही आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था।
दावा किया जा रहा है कि टीआरएफ का मास्टरमाइंड सज्जाद गुल है, जो पाकिस्तान में बैठकर इसे संचालित करता है। अधिकारियों का मानना है कि यह संभव है कि आतंकवादी समूह जम्मू के किश्तवाड़ से दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग के रास्ते बैसरन तक पहुंचा हो।