इसमें कोई शक नहीं है कि भारत में करोड़पति और अरबपतियों (Indian Millionaires) की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है, लेकिन दूसरी तरफ ये रसूखदार लोग अपना वतन छोड़कर दूसरे देशों में जाकर नया ठिकाना बना रहे हैं। कुछ इसे भारत के लिए चिंताजनक स्थिति मान रहे हैं तो कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारत को कोई नुकसान नहीं होने वाला है, क्योंकि पलायन करने वाले अमीरों की संख्या बहुत कम है, जबकि आने वाले 2031 तक भारत के अरबपतियों के नाम की सूची और लंबी हो जाएगी।
बहरहाल, हेनले एंड पार्टनर्स (Henley and Partners Report) की एक रिपोर्ट ने इस बात का खुलासा किया है कि सालभर में भारत के 8,000 अरबपतियों ने अपना वतन छोड़ा है। इस लिहाज से भारत देश अमीरों के दूसरे देश जाकर बसने के मामले में टॉप-3 देशों में शामिल हो गया है। जिन देशों से अमीर लोग भाग रहे हैं, उनमें रूस, यूक्रेन और चीन भी शामिल हैं।
वतन छोड़ने वालों में टॉप 3 देश
हेनले एंड पार्टनर्स (Henley and Partners Report) की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में 8,000 भारतीय अरबपतियों ने भारत को अलविदा कहकर दूसरे देश में शरण ले ली है। वहीं अपना देश छोड़कर जाने वालों में सबसे आगे रहे रूस है, जहां से इस साल 15,000 अमीरों ने अपना देश छोड़ा। जबकि चीन से इस इस साल 10,000 करोड़पति चले गए। जबकि इस सूची में हांगकांग एसएआर, यूक्रेन, ब्राजील, मैक्सिको, ब्रिटेन, सऊदी अरब और इंडोनेशिया जैसे देश भी शामिल हैं। हेनले एंड पार्टनर्स की इस रिपोर्ट की माने तो दुनियाभर से साल 2022 में अब तक अलग अलग देशों से लगभग 88,000 हाई-नेटवर्थ (HNI) वाले लोग दूसरे देशों में जाकर बस गए हैं।
कोविड में थमा था, फिर शुरू पलायन
रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि हालांकि कोरोना संक्रमण के दौरान अमीरों का भारत छोड़कर जाने का सिलसिला रुक गया था, लेकिन अब यह फिर से शुरू हो गया है। कमोबेश यही स्थिति दुनिया के दूसरे देशों की भी है, वहां से भी अमीरों का पलायन जारी है।
2031 तक अरबपतियों में 80 प्रतिशत बढ़ेंगे
दुनियाभर से हो रहे अमीरों के पलायन के बीच हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह भारत के लिए कोई फिक्र की बात नहीं है, क्योंकि यह देश के कुल 3.57 लाख अरबपतियों का यह सिर्फ 2 प्रतिशत ही है। वहीं भारत में लगातार अरबपतियों की संख्या बढ़ रही है। साल 2031 तक भारत में 80 प्रतिशत तक का इजाफा होगा। यानी भारत में नए अरबपति पैदा हो जाएंगे।
क्या है वतन छोड़ने की वजह?
जहां रूस और यूक्रेन से अमीरों के देश छोड़ने की वजह वहां दोनों देशों के बीच चल रहा युद्ध है तो वहीं दूसरे देशों में वजहें इतनी स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन जो कयास लगाए जा रहे हैं उनमें सबसे बड़ी वजह भारत में हर चीज के लिए लगने वाला टेक्स है, बता दें कि भारत में टेक्स का भार ज्यादा है, जिससे अमीर लोग सालाना लाखों करोड़ों में टेक्स चुकाते हैं। भारत में कड़े होते टैक्स से जुड़े कायदे कानून, अमीरों को टैक्स में छूट न मिलने और वीजा फ्री टैवल की इच्छा के चलते बड़ी तादाद में अमीर भारत छोड़ रहे हैं।
वहीं दूसरी वजहों में बिजनेस की असुरक्षा को लेकर है। तीसरा लिविंग स्टैडर्ड है। भारत में अरबपति उस लिविंग स्टैडर्ड को फॉलो नहीं कर पा रहे, जो अमेरिका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया, इटली में है। इनमें शिक्षा भी एक वजह है। बता दें कि भारत में रहने वाले कई अमीरों के बच्चे विदेशों में ही एजुकेशन ले रहे हैं। एक वजह स्वास्थ्य सेवाएं भी है। कई बीमारियों के लिए भारतीय अमीरों को यहां की स्वास्थ्य सेवाओं पर भरोसा नहीं है, वे विदेशों में जाकर ही अपना इलाज कराते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक इन अमीरों के सबसे पसंदीदा यूरोपीय यूनियन देश हैं। इसके अलावा दुबई और सिंगापुर भी भारतीय अमीरों को आकर्षित कर रहे हैं। जो देश अमीरों को ज्यादा अच्छे लग रहे हैं, उनमें माल्टा, मॉरिशस और मोनैको भी शामिल हैं।
ये हैं अरबपतियों के नए ठिकाने
संयुक्त अरब अमीरात में 4000 अरबपति बसे
ऑस्ट्रेलिया में 3500 अरबपति ने बनाया ठिकाना
सिंगापुर में 2800 अरबपति जाकर बसे
इन देशों से जा रहे अरबपति
साल 2022 में 8,000 अरबपतियों ने भारत छोड़ा
हांगकांग से 3,000 अमीर गए
यूक्रेन से 2,800 करोड़पतियों ने पलायन किया
बिट्रेन से 1,500 अमीरों ने देश छोड़ा
कौन हैं HNIs?
भारत में एचएनआई उन्हें कहते है, जिन लोगों के पास निवेश के लिए कम से कम 5 करोड़ रुपए हो। ऐसे लोग जिनका पैसा शेयर बाजार, बांड आदि में निवेश किया गया हो। इसके साथ ही जिनके डीमैट अकाउंट या बैंक खाते में कुल मिलाकर 5 करोड़ से ज्यादा रकम है। इस संपत्ति में घर और कार आदि शामिल नहीं किए जाते हैं। मान लीजिए कि अगर आपके पास गाड़ी, बंगला और फार्म हाउस हैं, जिनकी कीमत 10 करोड़ है, लेकिन निवेश करने के लिए 5 करोड़ से कम हैं तो उसे एचएनआई की कैटेगरी में नहीं माना जाएगा।