राहुल गांधी आज देश की राजनीति में विपक्ष का सबसे बड़ा चेहरा हैं, हालांकि सत्तारूढ़ भाजपा और पीएम मोदी से उन्हें लगातार राजनीतिक टक्कर मिल रही है। इस दौरान एक किताब की वजह से कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर से चर्चा में हैं।
दरअसल, हाल ही में कांग्रेस के दिग्गज और दिवंगत नेता प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक किताब लिखी है। जिसमें उन्होंने राहुल गांधी और उनकी राजनीति को लेकर कई खुलासे किए हैं। खासतौर से किताब में राहुल और प्रणब दा की मुलाकातों और दोनों के बीच की राजनीतिक समझ को लेकर किस्से बताए गए हैं। दिलचस्प है कि उन्होंने यह भी किताब में बताया है कि उनके पिता और कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी राहुल गांधी और उनकी राजनीतिक समझ के बारे में क्या सोचते थे।
राहुल में नहीं है राजनीतिक मैच्योरिटी : किताब के मुताबिक कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व राष्ट्रपति (दिवंगत) प्रणब मुखर्जी ने एक बार राहुल गांधी के बारे में कहा था कि वह बेहद शालीन और उत्सुक हैं, लेकिन राजनीतिक रूप से उन्हें अभी मैच्योर होना है। उनके ऐसे बयानों के बारे में प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी नई किताब Pranab, My Father: A Daughter Remembers में लिखा है।
राहुल की इस हरकत पर गुस्सा हुए थे प्रणव मुखर्जी : किताब के मुताबिक जब साल 2013 में राहुल गांधी ने यूपीए सरकार की ओर से प्रस्तावित एक अध्यादेश को फाड़ा था, तो प्रणब मुखर्जी इससे खासे भडक गए थे। यह अध्यादेश एक आपराधिक मामले में दोषी करार दिए गए एक विधायक के तत्काल अयोग्यता के पक्ष में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदल सकता था।
गांधी होने का घमंड है राहुल को : इस पुस्तक में कहा गया है कि 'प्रणब दा' 2013 में राहुल गांधी ने एक अध्यादेश की कॉपी फाड़े जाने की घटना से स्तब्ध रह गए थे। उन्होंने कहा था कि राहुल को खुद के गांधी-नेहरू परिवार का होने का 'घमंड' है।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी किताब में दावा किया है कि प्रणब का मानना था कि राहुल गांधी का यह कदम कांग्रेस के लिए ताबूत की आखिरी कील था। वह इसे 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहद खराब प्रदर्शन का एक कारण भी मानते थे।
शाम को बुलाया था सुबह पहुंचे राहुल : शर्मिष्ठा ने अपनी किताब में राहुल को लेकर एक और घटना का जिक्र किया है। वह लिखती हैं कि एक बार सुबह-सुबह प्रणब मुगल गार्डन में टहल रहे थे तब राहुल गांधी उनसे मिलने आए थे। उन्हें यह बिल्कुल पसंद नहीं था कि कोई टहलते या पूजा करने समय उन्हें परेशान करे। बाद में राहुल गांधी से उनकी मुलाकात शाम के वक्त होना तय हुई। लेकिन राहुल गांधी शाम की बजाए सुबह के वक्त प्रणब से मिलने पहुंचे। दरअसल, राहुल के ऑफिस ने गलती से सुबह का वक्त बता दिया था।
कैसे चलाएंगे पीएमओ : उन्होंने किताब में लिखा है, जब मैंने इस बारे में अपने पिता से पूछा तो उन्होंने हंसते हए कहा कि अगर राहुल का ऑफिस एएम और पीएम में अंतर नहीं कर सकता है तो वे भविष्य में प्रधानमंत्री कार्यालय चलाने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं।
शर्मिष्ठा ने किताब में दावा किया है कि उनके पिता राहुल गांधी के आलोचक थे, और ऐसा लगता था कि वह वह इस बात का भरोसा खो चुके हैं कि राहुल गांधी कांग्रेस को फिर से जीवित कर पाएंगे।
Edited By navin rangiyal