उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास और एक भारत, श्रेष्ठ भारत के स्वप्न को साकार करने में मददगार होगा। न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लोग यूसीसी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उनकी पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान जनता के सामने यूसीसी लाने का संकल्प लिया था।
प्रदेश मंत्रिमंडल ने रविवार को यूसीसी मसौदे को स्वीकार करते हुए उसे विधेयक के रूप में 6 फरवरी को सदन के पटल पर रखे जाने को मंजूरी दी थी। चार खंडों में 740 पृष्ठों के इस मसौदे को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली 6 सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को सौंपा था।
यूसीसी के तहत प्रदेश में सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के समान कानून लागू होंगे, चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हों।