प्रयागराज। लंबे समय से चल रहे ज्ञानवापी विवाद में आज हाईकोर्ट का फैसला आ सकता है। हाईकोर्ट के फैसले से आज बहुत हद तक ये साफ हो जाएगा कि यह मामला किस के पक्ष में जा रहा है। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद में 5 याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जिसका फैसला आज सुनाया जा सकता है।
बता दें कि कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने 8 दिसंबर को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच सुबह 10 बजे फैसला सुनाएगी। जिन पांच याचिकाओं पर अदालत का फैसला आना है, उनमें से तीन याचिकाएं 1991 में वाराणसी की अदालत में दाखिल किए गए केस की पोषणीयता से जुड़ी हुई हैं, जबकि बाकी दो अर्जियां ASI के सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ हैं।
क्या है विवाद : भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान के वाद मित्रों की तरफ से वाराणसी की अदालत में 1991 में दाखिल मुकदमे में विवादित परिसर हिंदुओं को सौंप जाने और वहां पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने की मांग की गई थी। वाराणसी की अदालत में साल 1991 में सोमनाथ व्यास-रामनारायण शर्मा और हरिहर पांडेय की तरफ से मुकदमे दाखिल किए गए थे। हाईकोर्ट को अपने फैसले में मुख्य रूप से यही तय करना है कि वाराणसी की अदालत इस मुकदमे को सुन सकती है या नहीं।
क्या है मुस्लिम पक्ष की दलील : मुस्लिम पक्ष की दलील थी कि 1991 के प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट के तहत आदि विश्वेश्वर के मुकदमे की सुनवाई नहीं की जा सकती है। हिंदू पक्ष की तरफ से दलील दी गई कि यह विवाद आजादी से पहले का है और ज्ञानवापी विवाद में प्लेसेस आफ वरशिप एक्ट लागू ही नहीं होगा। मुस्लिम पक्ष की तरफ़ से ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की तीन और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की दो याचिकाएं हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आठ दिसंबर को चौथी बार अपना जजमेंट रिजर्व किया था।
Edited by navin rangiyal