भू-स्थानिक सूचना नियमन विधेयक 2016 के मसौदे के अनुसार, 'कोई भी व्यक्ति सैटेलाइट, एयरक्राफ्ट्स, एयरशिप्स, बैलून, ड्रोन या किसी भी तरह के वाहन के जरिए एरियल या स्पेस व्यू के साथ भारत के किसी हिस्से की जियोस्पाशियल इमेज हासिल नहीं कर सकेगा। मैप्स के लिए इस तरह की इन्फॉर्मेशन हासिल करने और उसे साइट्स या एप्स के जरिए दिखाने के लिए अथॉरिटी से लाइसेंस की जरूरत होगी।'
मसौदा विधेयक के अनुसार, अगर गूगल मैप्स, गूगल अर्थ या बाकी एजेंसियां खासकर कश्मीर को लेकर गलत मैप दिखाती हैं तो उन पर भी बड़ा जुर्माना लगेगा। जो कंपनियां, एजेंसियां, संस्थाएं या लोग अभी मैप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें लाइेंसस लेना होगा। ऐसा नहीं किया तो जुर्माना 10 लाख से 100 करोड़ रुपए के बीच लगेगा। सात साल की जेल की सजा भी हो सकती है।