यश भारती सम्मान समारोह में दिखा सपा में 'ऑल इज नाट वेल'

गुरुवार, 27 अक्टूबर 2016 (17:06 IST)
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'यश भारती' के समारोह में भी यादव परिवार  की अंदरुनी कलह का असर देखने को मिला। दरअसल, नवनिर्मित लोकभवन में आयोजित सम्मान समारोह के लिए छपे कार्ड पर समाजवादी  पार्टी (सपा) मुखिया मुलायम सिंह यादव का नाम तस्वीर के साथ छपा था। यहां तक कि शहर  के अलग-अलग क्षेत्रों में होर्डिंग और बैनरों में भी सपा प्रमुख की तस्वीर मुख्यमंत्री अखिलेश  यादव संग लगाई गई थी, मगर कार्यक्रम स्थल पर अखिलेश यादव को छोड़कर यादव परिवार  को कोई अन्य सदस्य मौजूद नहीं था।
कार्यक्रम में आए अतिथियों और पत्रकारों के बीच सपा मुखिया की गैरमौजूदगी चर्चा का विषय  बनी रही। पार्टी सूत्रों के अनुसार अखिलेश यादव खुद अपने पिता को कार्यक्रम में बुलाने के  लिए उनके आवास गए थे। वे वहां करीब 15 मिनट तक रहे, मगर नेताजी (मुलायम सिंह  यादव) का सम्मान समारोह में न पहुंचना हैरतभरा रहा।
 
बाद में अखिलेश नए सचिवालय 'लोकभवन' में अकेले पहुंचे और एक संक्षिप्त संबोधन के बाद  प्रदेश की 71 विभूतियों को सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने मौजूदा हालात पर कोई भी  टिप्पणी नहीं की। पार्टी मुख्यालय में सोमवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव से  वाद-विवाद के बाद यह पहला मौका था, जब अखिलेश ने किसी सरकारी कार्यक्रम में शिरकत  की है।
समारोह में अलग-अलग क्षेत्रों में विलक्षण प्रतिभा की धनी 71 विभूतियों को यश भारती  सम्मान से नवाजा गया। इस अवसर पर उन्हें 11 लाख रुपए नकद, प्रशस्ति पत्र और शॉल भेंट  किया गया। दूसरी ओर पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव के विधानसभा चुनाव से पूर्व  महागठबंधन के इरादे को साकार करने की जद्दोजहद में शिवपाल सिंह यादव ने बुधवार को नई  दिल्ली में जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं से मुलाकात की।
 
पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह राणा की पहली पुण्यतिथि में हिस्सा लेने सहारनपुर जा रहे यादव ने  गुरुवार को गाजियाबाद में पत्रकारों से कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में बड़ा  गठबंधन बनेगा। भारतीय जनता पार्टी को सत्ता में आने से रोकने की हर मुमकिन कोशिश की  जाएगी।
 
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मैंने बुधवार को कई नेताओं से बातचीत की है। सभी ने  नेताजी के प्रस्ताव पर अनुकूल प्रतिक्रिया दी है। आने वाले समय में उत्तरप्रदेश की राजनीति में  बडा बदलाव देखने को मिलेगा। यादव ने कहा कि जल्द ही एक बैठक बुलाई जाएगी जिसमें  चुनाव से पहले आम सहमति के बारे में विचार-विमर्श होगा। 
 
इस बीच सपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा कि पार्टी में  एकता के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। हम सभी चुनाव से पहले एकता चाहते हैं अगर  ऐसा नहीं हुआ तो हमें शिकस्त का सामना करना पड़ेगा। वर्मा ने राज्यसभा में पार्टी का नेता बनने की संभावना को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यदि ऐसा कोई प्रस्ताव आता है तो वे  उसे स्वीकार नही करेंगे हालांकि इसकी वजह बताने से उन्होंने इंकार कर दिया।
 
इस बीच पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने स्वीकार किया कि पार्टी के मौजूदा हालात ठीक नहीं हैं और ये दर्शाते हैं कि पार्टी विभाजन की ओर अग्रसर है तथा मुलायम गठबंधन के पक्षधर हैं जबकि अखिलेश इसके खिलाफ हैं। ऐसे में कैसे कहा जा सकता है कि पार्टी में एकता बनी हुई है? (वार्ता)

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