गन्ने के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक सोमवार को

शुक्रवार, 20 नवंबर 2009 (01:00 IST)
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गन्ने के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों के प्रदर्शन और संसद में विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने गुरुवार को अपने मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सहयोगियों के साथ बातचीत की। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सरकार ने सोमवार को एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है।

प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, कृषिमंत्री शरद पवार, गृहमंत्री पी.चिदंबरम तथा विधि मंत्री वीरप्पा मोइली मौजूद थे।

राजधानी में आज उत्तरप्रदेश से आए हजारों किसानों ने गन्ने का समर्थन मूल्य कम रखे जाने के विरोध में प्रदर्शन और सभाएँ की। उन्होंने माँग की कि सरकार इस संबंध में जारी अध्यादेश तुरंत वापस ले।

सरकार ने अभी गन्ने का प्रति क्विंटल मूल्य 129 रुपए 85 पैसे तय किया है जबकि किसानों की माँग इसे 280 रुपए प्रति क्विंटल करने की है।

राहुल को आश्वासन : प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर उनसे मिले कांग्रेस महासचिव राहुल गाँधी को आश्वासन दिया कि सरकार गन्ने से संबंधित अध्यादेश की समीक्षा करेगी और जरूरत पड़ी तो किसानों के हित में उसमें उचित संशोधन करेगी।

संसद नहीं चलने देगा विपक्ष : गन्ने का न्यूनतम खरीद मूल्य तय किए जाने के विरोध में सडकों पर उतरे हजारों किसानों का समर्थन करते हुए प्रमुख विपक्षी दलों ने इसे वापस नहीं लिए जाने पर संसद की कार्यवाही ठप किए जाने की चेतावनी दी है।

राष्ट्रीय लोकदल द्वारा जंतर-मंतर पर गन्ना उत्पादक किसानों के समर्थन में विशाल रैली को संबोधित करते हुए जनता दल यू के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि इस कानून को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर लोकसभा की कार्यवाही आज नहीं चलने दी गई और आगे भी चलने नहीं दी जाएगी।

भाजपा लाएगी स्थगन प्रस्ताव : गन्ने के मूल्य निर्धारण विवाद पर भाजपा लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव लाएगी और राज्यसभा में प्रश्नकाल तथा शून्यकाल को कल निलंबित करने की माँग करेगी।

समर्थन वापस लेगी सपा : समाजवादी पार्टी के महासचिव अमरसिंह ने कहा कि जरुरत महसूस की गई तो इस अध्यादेश के विरोध में वह पार्टी अध्यक्ष मुलायमसिंह से केन्द्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने की गुजारिश भी करेंगे।

मनोबल नहीं गिरा सकते : राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजितसिंह ने कहा कि सरकार और चीनी मिल मालिक किसानों का मनोबल नहीं गिरा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कल संसद नहीं चलने दी जाएगी। सिंह ने कहा कि बड़े आश्चर्य की बात है कि पिछले साल जब चीनी की कीमत 1800 रुपए प्रति क्विंटल थी, तब किसानों को गन्ने का दाम 130 रुपए प्रति क्विंटल दिया जा रहा था। इस साल जब चीनी 40 रुपए प्रति किलो से ऊपर बिक रही है तो किसानों को इससे भी कम कीमत दी जा रही है। (एजेंसियाँ)

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