डॉक्टरों के अनैतिक आचरण पर सख्ती

शनिवार, 28 दिसंबर 2013 (14:43 IST)
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नई दिल्ली। उपभोक्ता अधिकार के प्रति बढ़ती जागरूकता के बीच वर्ष 2013 में उपभोक्ता अदालतों के समक्ष रेलवे और एयरलाइनों तथा वाहन निर्माता कंपनियों के खिलाफ तमाम मामलों की चर्चा रही। वर्ष के दौरान उपभोक्ता अदालतों ने डॉक्टरों और अस्पतालों की लापरवाही और असंवेदनशीलता के खिलाफ कड़े फैसले जारी किए।

उपभोक्ता अदालतों ने चिकित्सा के क्षेत्र में ऐसे ‘भेड़ की खाल में भेड़ियों’ की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद तक को कड़ा संदेश दिया। जो चंद पैसों के लिए लोगों की जान और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने से नहीं चूकते।

पूर्वी दिल्ली जिला उपभोक्ता मंच ने राजधानी के एक क्लीनिक पर महिला के मर्ज की पहचान में लापरवाही बरतने और उसे शल्यक्रिया की गलत सलाह देने के लिए 1.5 लाख का जुर्माना लगाया और निर्देश दिया, सरकार को बेइमान चिकित्सकों से मरीजों को बचाने के लिए जरूरी उपाय करने चाहिए।

अदालत ने कहा, हम भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) को केवल सलाह भर दे सकते हैं कि वह मौजूदा वातावरण को भांपे और चिकित्सा पेशे में ‘भेड़ की खाल में घुसे भेड़ियों’ की पहचान करे, क्योंकि ऐसे तत्वों की वजह से आम धारणा यही है कि चिकित्सक लालचवश जनता से पैसा खींच रहे हैं। (भाषा)

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