शंकररमन हत्याकांड की सुनवाई टली

सोमवार, 27 सितम्बर 2010 (15:45 IST)
शंकररमन हत्याकांड में एक स्थानीय अदालत ने सुनवाई 21 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी, जिसमें कांची काम कोटि पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती और उनके कनिष्ठ विजयेंद्र सरस्वती मुख्य अभियुक्त हैं।

जब मामला आज प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश टी. रामास्वामी के समक्ष आया तो 24 आरोपियों में से केवल पाँच ही अदालत में मौजूद थे। अनुपस्थित रहने वालों में मुख्य अभियुक्त भी शामिल हैं। दोनों संतों पर आपराधिक षड्यंत्र और हत्या से संबंधित आरोप हैं।

आज जिरह के लिए आए वेलन नाम के एक गवाह ने पाला बदल लिया और पुलिस को मामले से संबंधित कोई बयान देने से इंकार किया। उसने अदालत से यह भी कहा कि पुलिस ने उससे पूर्व में पूछताछ नहीं की।

अदालत में दूसरे गवाह शंकरन की गवाही नहीं हो सकी क्योंकि वह मामले से संबंधित दस्तावेज नहीं ला सका। शंकरन चेन्नई परिवहन विभाग का एक सेवानिवृत्त क्लर्क है।

विशेष सरकारी वकील एन. देवदास ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि शंकरन से जिरह नहीं की जा सकी क्योंकि वह विभाग में दस्तावेजों तक पहुंच नहीं बना सका।

उच्चतम न्यायालय द्वारा चेंगलपट्टू जिले से मामले को यहां स्थानांतरित किए जाने के बाद से अब तक 96 गवाह पेश हो चुके हैं जिनमें से 53 पाला बदल चुके हैं। शीर्ष अदालत ने अक्तूबर 2005 में जयेंद्र सरस्वती की याचिका पर मामला स्थानांतरित करने के आदेश दिए थे।

शंकररमन कांचीपुरम में वरदराजपेरुमल मंदिर के प्रबंधक थे जिनकी तीन सितंबर 2004 को मंदिर परिसर में कथित हत्या कर दी गई थी। (भाषा)

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