Sharadiya Navratri 2023: वर्ष में चार नवरात्रि आती है जिसमें से चैत्र और शरद नवरात्रि में नवमी तिथि का खास महत्व माना गया है। नवरात्रि की नवमी को महानवमी भी कहते हैं जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। नवरात्रि में नवमी तिथि नवरात्रि की अंतिम तिथि होती है। इस दिन नवरात्रि का समापन होता है। इसीलिए इसका खास महत्व होता है और इसे महानवमी कहते हैं।
महानवमी का क्या है महत्व : ( Mahanavami ka mahatva )
नवमी तिथि चन्द्र मास के दोनों पक्षों में आती है। इस तिथि की स्वामिनी देवी माता दुर्गा है।
ज्योतिष के अनुसार यह तिथि रिक्ता तिथियों में से एक है। रिक्ता अर्थात खाली।
इस तिथि में किए गए कार्यों की कार्यसिद्धि रिक्त होती है।
यहीं कारण है कि इस तिथि में समस्त शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं। मात्र माता की पूजा ही फलदायी होती है।
यह तिथि चैत्रमाह में शून्य संज्ञक होती है और इसकी दिशा पूर्व है।
यह उग्र अर्थात आक्रामकता देने वाली तिथि हैं।
यह तिथि शनिवार को सिद्धदा और गुरुवार को मृत्युदा मानी गई है।
अर्थात शनिवार को किए गए कार्य में सफलता मिलती है और गुरुवार को किए गए कार्य में सफलता की कोई गारंटी नहीं।
इस तिथि में जगतजननी त्रिदेवजननी माता दुर्गा की पूजा करने से मनुष्य इच्छापूर्वक संसार-सागर को पार कर लेता है तथा हर क्षेत्र में सदा विजयी प्राप्त करता है।
नवमी तिथि के शुक्ल पक्ष में दुर्गा की पूजा शुभ लेकिन शिव पूजन अशुभ है। हालांकि कृष्ण नवमी को शिव पूजन कर सकते हैं।
जीवन में यदि कोई संकट है अथवा किसी प्रकार की अड़चनें आने से काम नहीं हो पा रहा है तो जातक दुर्गा नवमी के दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करके विधिवत समापन करें और कन्याओं को भोज कराएं।
नवमी के दिन लौकी खाना निषेध है, क्योंकि इस दिन लौकी का सेवन गौ-मांस के समान माना गया है। इस दिन कड़ी, पूरणपौल, खीर, पूरी, साग, भजिये, हलवा, कद्दू या आलू की सब्जी बनाई जा सकती है।
इस तिथि में लौकी के अलावा दूध, केला, प्याज, लहसुन और बैंगन का भी त्या कर देना चाहिए।